नई दिल्ली। यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 10.6 घंटे या उससे अधिक समय तक बैठता है, लेटता है या आराम करता है, तो उसे दिल की बीमारियों और हृदयाघात का जोखिम बढ़ जाता है। यह खतरा उन लोगों में भी देखा गया, जो नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करते हैं।
ताजा अध्ययन में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यूके बायो बैंक के 89,530 प्रतिभागियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययन में यह देखा गया कि प्रतिभागी प्रतिदिन कितने घंटे आरामदायक स्थिति में रहते थे और उनकी शारीरिक गतिविधि का स्तर क्या था। अध्ययन के निष्कर्षों में यह स्पष्ट हुआ कि जो लोग हर दिन 10.6 घंटे से अधिक समय तक बैठते थे, उनमें दिल की विफलता और हृदय संबंधी मौत का जोखिम 40 प्रतिशत अधिक था। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि लंबे समय तक बैठने की आदत उन लोगों में भी हानिकारक प्रभाव डालती है, जो सप्ताह में 150 मिनट या उससे अधिक समय तक व्यायाम करते हैं। हालांकि, शारीरिक गतिविधि करने वालों में इस जोखिम का स्तर कम पाया गया, लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ। अध्ययन के सह-लेखक और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शान खुर्शीद का कहना है कि लंबे समय तक बैठना शरीर की रक्त प्रवाह प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे हृदय को सही ढंग से काम करने में कठिनाई होती है।
इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि जो लोग पूरे दिन में शारीरिक गतिविधि को प्राथमिकता नहीं देते, उनके दिल के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। लंबे समय तक बैठने की वजह से न केवल दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ता है, बल्कि हृदयाघात से मौत का जोखिम भी 54प्रतिशत तक बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लंबे समय तक बैठने के प्रभावों को कम करने के लिए दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करना फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए, हर घंटे में कुछ मिनट के लिए खड़े होकर चलना, बैठने के दौरान हल्की स्ट्रेचिंग करना और स्क्रीन टाइम को सीमित करना।
शोध से यह भी पता चला कि यदि शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाए, तो इससे हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। इस अध्ययन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए सिर्फ व्यायाम करना पर्याप्त नहीं है। सक्रिय रहना और बैठने के समय को कम करना हृदय रोगों से बचने के लिए बेहद जरूरी है। दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में संतुलन और शारीरिक सक्रियता को प्राथमिकता देनी होगी। बता दें कि लंबे समय तक बैठे रहने की आदत आज की व्यस्त जीवनशैली का हिस्सा बन गई है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।