स्वास्थ्य या सियासत? धनखड़ के इस्तीफे ने बढ़ाई हलचल, जानिए उपराष्ट्रपति पद की रेस में कौन-कौन है आगे…

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए लिखा है कि डॉक्टरी सलाह के तहत उन्हें अब स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी है. उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. उनके इस्तीफे के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है तो वहीं विपक्ष मानसूत्र सत्र के दौरान और मौका मिल गया इसके साथ कहां जा रहा है उनके इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य या सियासत या फिर दाल में कुछ काला है. इस प्रकार कई कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि मानसून सत्र के पहले दिन सब कुछ ठीक रहना फिर अचानक इस्तीफा देना हैरान कर देता है आइए इस खबर में जानते हैं कौन लेगा धनखड़ की जगह?

धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा, ‘स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं, संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार. धनखड़ ने राष्ट्रपति के साथ अपने कार्यकाल के अनुभव को “शानदार और सौहार्दपूर्ण” बताते हुए आभार व्यक्त किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का भी शुक्रिया अदा किया और कहा, ‘प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा, और मैंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा. 

उपराष्ट्रपति पद की भूमिका क्या है?

भारत में उपराष्ट्रपति देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर होता है. वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है और सदन में अनुशासन, प्रक्रिया और नियमों को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाता है. हालांकि, वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता. यदि राष्ट्रपति इस्तीफा दे दें, मृत हो जाएं या उन्हें हटाया जाए, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, जब तक कि नया राष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता.

अब क्या होगा?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 और उपराष्ट्रपति (चुनाव) नियम, 1974 के तहत इस पद को “यथाशीघ्र” भरा जाना अनिवार्य है, इसके लिए चुनाव आयोग जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा. उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ द्वारा किया जाता है, जिसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व नामित सांसद (कुल 788) शामिल होते हैं. यह चुनाव गुप्त मतदान और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के जरिए संपन्न होता है.

उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्रता

उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए

न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए

राज्यसभा सदस्य बनने की पात्रता हो

कोई लाभ का पद न हो

अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?

अब जबकि देश में यह महत्वपूर्ण संवैधानिक पद खाली हो गया है, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में मंथन शुरू हो गया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष किन नामों पर विचार करते हैं और क्या कोई सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुना जाता है या मुकाबला देखने को मिलेगा.

धनखड़ के इस्तीफे पर क्या बोला विपक्ष?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है. वहीं जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है. आज शाम करीब 5 बजे तक मैं उनके साथ था, वहां कई अन्य सांसद भी साथ थे, और शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर बातचीत भी हुई थी.

निःसंदेह, श्री जगदीप धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए. लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनके इस बिल्कुल अप्रत्याशित इस्तीफे के पीछे जो दिखाई दे रहा है, उससे कहीं अधिक है। हालांकि, यह समय अटकलें लगाने का नहीं है. जगदीप धनखड़ ने सरकार और विपक्ष,दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया. उन्होंने कल दोपहर 1 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई थी और न्यायपालिका से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले थे.

हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें. हम प्रधानमंत्री से भी अपेक्षा करते हैं कि वे जगदीप धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए राज़ी करें. यह देशहित में होगा. विशेष रूप से कृषक समुदाय के लिए यह एक बड़ी राहत होगी.

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