
रुद्रप्रयाग। इस बार केदारनाथ यात्रा में पैदल मार्ग से धाम तक ड्यूटी वाले स्वास्थ्य कर्मी स्वयं भोजन बना सकेंगे। विभागीय स्तर पर कर्मियों को कीचन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वह यात्रा में भोजन पर होने वाले भारी खर्च से बच सकेंगे। साथ ही एमआरपी पर कर्मियों के विश्राम की उचित व्यवस्था की जा रही है, जिससे कर्मचारी स्वस्थ्यमनोस्थिति में यात्रा पर आने वाले यात्रियों और अन्य की स्वास्थ्य की जांच कर सके।
विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए यात्रियों को गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने के लिए 16 किमी पैदल दूरी नापनी पड़ती है। पैदल मार्ग पर चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली, छानी कैंप, रुद्रा प्वाइंट, बेस कैंप और केदारनाथ प्रमुख पड़ाव है। यहां तक राशन, सब्जी और अन्य मूलभूत सामग्री को घोड़ा-खच्चरों की मदद से पहुंचना पड़ता है। ढुलान दर अधिक होने से सामान का मूल्य भी बढ़ जाता है, ऐसे में यात्रा में ड्यूटी देने वाले कर्मियों को पूरे यात्राकाल में अपने खर्च पर होटल, ढाबा में नाश्ता, भोजन, मासिक बजट से काफी महंगा पड़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए इस बार मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राम प्रकाश ने अनूठी पहल की है।
उन्होंने केदारनाथ यात्रा में पैदल मार्ग और धाम में यात्रा ड्यूटी देने वाले कर्मियों को कीचन सामग्री उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इसके तहत विभाग द्वारा प्रत्येक एमआरपी पर इंडेक्शन और कुछ जरूरी वर्तन की सुविधा दी जाएगी। ऐसे में कर्मचारी राशन खरीदकर स्वयं खाना बना सकेंगे और अपने मनपंसद का भोजन कर सकेंगे। ऐसे में उन्हें जहां अपने बजट के हिसाब से भोजन उपलब्ध होता रहेगा, वह वह पूरे मनोयोग से अपनी ड्यूटी दे सकेंगे। इनका कहना है — यात्रा ड्यूटी में कर्मचारियों को उचित भोजन और विश्राम की सुविधा को लेकर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। सभी एमआरपी पर कर्मियों के लिए कीचन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही चीरबासा और छौड़ी एमआरपी पर दो-दो बेड की व्यवस्था का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। — डा. राम प्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी रुद्रप्रयाग