
लहरपुर-सीतापुर। नगर के प्राइवेट अस्पताल संचालकों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब झोलाछाप एवं रजिस्ट्रेशन नोडल अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्राइवेट अस्पतालों पर छापेमारी कर कार्यवाही शुरू कर दी। इसके साथ ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में भारी संख्या में संचालित मानक विहीन प्राइवेट अस्पतालों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्यवाही कर 4 अस्पतालों को नोटिस थमाई।
बताते चले बीते लगभग एक वर्ष की अवधि से नगर में प्राइवेट अस्पतालों की बाढ़ जैसी आ गई है जिसके चलते एक के बाद एक क्रमवार मानक विहीन प्राइवेट अस्पताल खुलते जा रहे हैं। जिसके बाहर लगे साइन बोर्ड पर डॉक्टर के नाम की लंबी लिस्ट तो देखी जा सकती है लेकिन अस्पताल सिर्फ एक डॉक्टर के सहारे ही चल रहा है कहीं-कहीं तो वह भी नहीं मिलते।
इसी क्रम में सोमवार को झोलाछाप एवं रजिस्ट्रेशन नोडल अधिकारी डॉक्टर इमरान खान व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर अरविंद बाजपेई के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नगर में संचालित मानक विहीन प्राइवेट अस्पतालों के विरुद्ध जांच अभियान चलाकर क्षेत्र के मर्सी हॉस्पिटल, न्यू ए एस हॉस्पिटल के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए कार्य संचालन बन्द करा कर नोटिस दी, इसके साथ ही नेशनल हॉस्पिटल, एपेक्स हॉस्पिटल की भी जांच की गई।
वही अस्पताल संचालक को नोटिस देकर 3 कार्य दिवस के अंदर प्रपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। स्वच्छ भारत की टीम जब नगर के मुख्य मार्ग स्थित न्यू ए0 एस0 हॉस्पिटल पहुंचे तो अस्पताल संचालको ने शटर बंद कर दिया जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम काफी देर तक अस्पताल के बाहर खड़ी रही वहीं कड़ी मशक्कत के बाद अस्पताल का शटर खुलवाया गया तब तक अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जब कि मरीज के तीमारदार अस्पताल में ही मौजूद थे।
अस्पतालों में छापेमारी की सूचना मिलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया वही ज्यादा तर अवैध रूप से संचालित अस्पताल व क्लीनिक के शटर बंद हो गए। गौरतलब है कि नगर में मकड़जाल की तरह फैले इन प्राइवेट अस्पतालों में अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजो का इलाज करवाया जाता है वहीं हालत बिगड़ने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जाता है। जिसके फल स्वरुप कई बार तो मरीजों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है।
बात जब मीडिया की सुर्खियों में आती है तो स्वास्थ्य महकमा कुछ गिने-चुने अस्पतालों पर कार्रवाई कर इति श्री कर लेता है। उसके बाद पुनः मानक विहीन प्राइवेट अस्पताल संचालित हो जाते हैं। नगर में कई प्राइवेट अस्पताल तो बिना रजिस्ट्रेशन के ही बेखौफ संचालित हो रहे। जिस पर अभी तक स्वास्थ्य विभाग के नजर नहीं पड़ी है। नोडल अधिकारी एवं सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अरविंद वाजपेई ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों के विरुद्ध यह प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी।