HC ने युग हत्या मामले में बड़ा फैसला सुनाया : दो दोषियों को उम्रकैद, एक बरी

शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के बहुचर्चित चार साल के मासूम युग हत्या मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने जिला अदालत द्वारा तीन दोषियों को सुनाई गई मृत्यु दंड की सजा को पलटते हुए दो दोषियों को आयुर्वरुद्ध कैद (जेल में उम्रभर की सजा) देने का आदेश दिया है और एक आरोपी को बरी कर दिया। यह फैसला मंगलवार को न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सुनाया।

हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को मामले में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अपीलकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने दोषियों के व्यवहार, उम्र और पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मृत्यु दंड न दिए जाने की मांग की थी। वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए मृत्यु दंड की सजा बरकरार रखने की मांग की।

जिला अदालत की पिछली कार्रवाई

जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने 5 सितंबर 2018 को तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। यह फैसला चार साल के मासूम युग के अपहरण और निर्मम हत्या के मामले में आया था। अदालत ने इस अपराध को “दुर्लभ में दुर्लभतम” श्रेणी का करार दिया था।

युग हत्या का पूरा मामला

  • दिनांक और जगह: 14 जून, 2014, शिमला के रामबाजार
  • अपराध: तीनों दोषियों ने मासूम युग का अपहरण किया और फिरौती की मांग की।
  • हत्या: दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ। दोषियों ने मासूम के गले में पत्थर बांधकर उसे पानी से भरे टैंक में फेंका।
  • जांच और ट्रायल: सीआईडी ने 25 अक्टूबर 2016 को चार्जशीट दायर की। 20 फरवरी 2017 से ट्रायल शुरू हुआ, जिसमें 135 में से 105 गवाहों के बयान दर्ज हुए।
  • जिला अदालत का फैसला: 6 अगस्त 2018 को तीनों दोषियों को अपहरण और हत्या का दोषी करार दिया गया, और 5 सितंबर 2018 को उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।

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