लखनऊ। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कोका कोला और पेप्सिको पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। दोनों कंपनियों पर यूपी में बॉटलिंग प्लांट के लिए भूजल का अवैध रूप से दोहन करने का आरोप है। इसी के चलते NGT ने पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में जुर्माना लगाया है।
NGT ने फैसला सुनाया कि कंपनियों के बॉटलिंग प्लांट CGWA (केंद्रीय भूजल प्राधिकरण) के पर्यावरण कानून का उल्लंघन कर रहे थे। यूपी के तीन प्लांट भूजल निकालने के लिए जरूरी NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना काम कर रहे थे।
फैसले में कहा गया, ‘हमारा विचार है कि PP (परियोजना प्रस्तावक) कम से कम CGWA द्वारा जारी NOC की समाप्ति के बाद भूजल की अवैध निकासी के लिए जिम्मेदार हैं। वे बिना किसी अधिकार के भूजल दोहन करते रहे। इसके अलावा, वे NOC की सबसे महत्वपूर्ण शर्त, यानी पानी के पुनर्भरण का पालन करने में विफल रहे। इसके कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी हैं।’
NGT ने की CGWA की कड़ी आलोचना
कोरम में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (अध्यक्ष), सुधीर अग्रवाल और बृजेश सेठी (न्यायिक सदस्य) और प्रोफेसर ए. सेंथिल वेल और डॉ. अफरोज अहमद (विशेषज्ञ सदस्य) शामिल थे। NGT ने सरकारी नियामक CGWA की भी कड़ी आलोचना की। इसमें उसने कहा, ‘CGWA ने अपने तरीके से आगे बढ़ते हुए पूरी तरह से अवैध रूप से भूजल के बड़े पैमाने पर दोहन की अनुमति दी है। वह इसकी जवाबदेही से बच नहीं सकता।
NGT ने UPGWD को जवाबदेह ठहराया
इसके अलावा NGT ने UPGWD (उत्तर प्रदेश भूजल विभाग) को भी जवाबदेह ठहराया। NGT ने कहा कि निकाय ने ऐसा करने के अधिकार क्षेत्र के बिना भूजल निकालने के लिए कंपनियों को अधिकार प्रदान करने का प्रयास किया था। एनजीटी ने कहा, ‘उन्होंने भी योगदान दिया है। भूजल के अवैध दोहन के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं। जिसके लिए इसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।’
NGT ने ग्रेटर नोएडा स्थित मून बेवरेजेज लिमिटेड पर 1.85 करोड़, मून बेवरेज लिमिटेड की साहिबाबाद इकाई पर 13.24 करोड़ और वरुण बेवरेजेज लिमिटेड की ग्रेटर नोएडा इकाई पर 9.71 करोड़ का जुर्माना लगाया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रोहित कुमार टुटेजा ने दलील दी। प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता एके प्रसाद, प्रदीप मिश्रा, दलीप ध्यानी, बालेंदु शेखर, राज कुमार, पूजा कालरा, संजय उपाध्याय, आर. जवाहरलाल ने किया।