
Hathras : जिले की नौगाँव न्याय पंचायत में दुधारू पशुओं, विशेषकर भैंसों में फैल रही एक अज्ञात बीमारी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। न्याय पंचायत की आठ ग्राम पंचायतों में पिछले कई दिनों से बीमारी तेजी से फैल रही है और प्रतिदिन 2 से 3 भैंसों की मौतें दर्ज की जा रही हैं। सबसे अधिक प्रभावित ग्राम पंचायत मंस्या है, जहाँ एक सप्ताह में 20 से अधिक भैंसों की मौत हो चुकी है।
एक भैंस की कीमत 80,000 रुपये से 1.25 लाख रुपये तक होने के कारण पशुपालकों को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी की गंभीरता के बावजूद विभागीय अधिकारी गांवों में नहीं पहुँचे, न ही मृत पशुओं का पंचनामा किया गया, जिसके चलते किसानों में निराशा बढ़ गई है। कई किसानों के अनुसार बीमारी की शुरुआत तेज बुखार, भूख में कमी, दूध बंद होने और अचानक गिरने जैसे लक्षणों से होती है, जिसके बाद कुछ ही घंटों में पशु दम तोड़ देता है। बीमारी इतनी तेज़ गति से फैल रही है कि ग्रामीण रात भर पशुओं की देखभाल करने को मजबूर हैं।
पशुपालकों का आरोप है कि विभाग की उदासीनता के कारण वे निजी पशु चिकित्सकों पर निर्भर हैं, जो प्रति विजिट 500 से 800 रुपये लेते हैं। इससे पहले से नुकसान झेल रहे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
इसी बीच, जब यह मामला मीडिया में आया तो पशुपालन विभाग तुरंत हरकत में आ गया। पशुचिकित्साधिकारी पवित्रजीत सिंह ने बताया कि समाचार माध्यमों के जरिए जानकारी प्राप्त होते ही उन्होंने एक वेटेरिनरी टीम को प्रभावित गांवों में भेजा है। टीम का कार्य बीमारी के लक्षणों की वैज्ञानिक जाँच, सैंपल कलेक्शन, उपचार शुरू करना और बीमारी को आगे फैलने से रोकना है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि बीमारी के कारणों की जल्द पुष्टि की जाएगी और आवश्यक दवाओं एवं टीकाकरण की व्यवस्था की जाएगी।
टीम ने कई गांवों में पहुँचकर बीमार पशुओं का उपचार शुरू कर दिया है। जिन पशुओं की हालत गंभीर बताई गई है, उनका विशेष चिकित्सा प्रबंधन किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार दिखने लगेगा।














