
पानीपत : हथिनीकुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना नदी के उफान ने पानीपत, यमुनानगर, करनाल, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल के 95 गांवों में जलभराव कर दिया। हजारों एकड़ फसलें डूब गईं, जबकि प्रशासन जेसीबी और मिट्टी के कट्टों से गांवों को बचाने में जुटा है।
केंद्रीय जल बोर्ड के जेई सहायक सोनू सैनी ने बताया कि पानीपत में यमुना का जलस्तर 232.10 मीटर है, जो अब घट रहा है। हथिनीकुंड बैराज से 3,29,642 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिले में यमुना करीब 35 किलोमीटर तक फैली है। यूपी की तरफ 12 और हरियाणा की तरफ 15 गांव नदी से सटे हैं। यूपी में करीब सवा लाख और हरियाणा में 75-80 हजार आबादी रहती है।
जेई सोनू सैनी के मुताबिक, प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। गांव-गांव में जेसीबी तैनात हैं और ग्रामीणों के सहयोग से मिट्टी के कट्टे भरवाए जा रहे हैं। यमुना नदी से सटे पत्थरगढ़ गांव में टूटा बांध जोड़ दिया गया है। प्रभावित गांवों में राणा माजरा, पत्थरगढ़, तामशाबाद, रिसपुर, नन्हेड़ा, जलमाणा, अधमी, मिर्जापुर, गोयला खुर्द, गोयला कलां, संजौली, खोजकीपुर, हथवाला, बिलासपुर और राक्सेड़ा शामिल हैं।
सिंचाई विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर अब घट रहा है। मंगलवार सुबह 11 बजे 1,51,393 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, दोपहर 12 बजे यह 1,55,958 क्यूसेक तक पहुंचा, शाम 4 बजे 1,55,467 क्यूसेक रहा और शाम 6 बजे घटकर 1,42,024 क्यूसेक रह गया है।
जिला उपायुक्तड डॉ. वीरेद्र कुमार दहिया ने यमुना के आस पास लगते गांव के लोगो से अपील की है कि बरसात का मौसम है, पानी पीछे से आ रहा है किसी को घबराने की जरूरत नही है सभी सजग रहें। प्रशासन हर समय स्थिति पर नजर बनाए हुए है, ऐसी स्थिति में सभी प्रशासन का सहयोग करें। आपातकाल से जुड़ी किसी भी जानकारी को तुरंत जिला प्रशासन के साथ सांझा करें।