
चंडीगढ़ : हरियाणा के दिवंगत वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार ने अपने करियर के दौरान कई बार सरकार, विभाग और सिस्टम पर सवाल उठाए। उन्होंने नियम, पदोन्नति, पोस्टिंग और भेदभाव को लेकर खुलकर शिकायतें और पत्र लिखे। उनकी आत्महत्या की जांच में अब यह देखा जाएगा कि क्या सुसाइड नोट में इन मामलों से जुड़े नाम भी हैं।
अगस्त 2020 – शहजादपुर मंदिर विवाद
तत्कालीन आईजी पूरण कुमार शहजादपुर थाने के मंदिर में माथा टेकने पहुंचे थे। इसके बाद डीजीपी ने पत्र भेजकर पूछा कि मंदिर निर्माण के लिए क्या सरकारी अनुमति ली गई थी। पूरण कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और अंबाला एसपी को एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत दी।
कार्रवाई: गृह विभाग ने जांच कर शिकायत खारिज कर दी, हाईकोर्ट ने भी इसे अनावश्यक बताते हुए खारिज किया।
2022 – पदोन्नति और कैडर नीति पर सवाल
सिरसा रेंज के आईजी रहते हुए, पूरण कुमार ने 11 अक्टूबर 2022 को गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद को पत्र लिखा और 2001 बैच के आईपीएस अफसरों को डीआईजी पद पर पदोन्नति देने और वेतन संशोधन की मांग की।
कार्रवाई: कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
2023 – आईएएस अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप
पूरण कुमार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर अपमान और भेदभाव का आरोप लगाते हुए दो महीने में पांच शिकायतें दर्ज कराईं। सरकार ने तीन सदस्यीय समिति गठित की, जिसे उन्होंने पक्षपाती बताया।
कार्रवाई: समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई, किसी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
2023 – गैर-कैडर पोस्टिंग पर आपत्ति
सरकार ने पूरण कुमार को आईजी (होमगार्ड्स) नियुक्त किया। उन्होंने इसे गैर-कैडर बताते हुए विरोध जताया और मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखकर इसे अपमानजनक व भेदभावपूर्ण बताया।
कार्रवाई: तत्काल पोस्टिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ, बाद में उन्हें टेलीकम्युनिकेशन और डायल-112 प्रोजेक्ट का प्रभार दिया गया।
अप्रैल 2024 – डायल-112 में वाहन विवाद
आईजी (टेलीकम्युनिकेशन) रहते हुए नई सरकारी गाड़ी नहीं मिलने पर पूरण कुमार ने सात साल पुरानी होंडा सिटी कार लौट दी और इसे भेदभावपूर्ण नीति बताया।
कार्रवाई: उन्हें अनौपचारिक चेतावनी दी गई।
2024 – पदोन्नति प्रक्रिया पर सवाल
पूरण कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के आईपीएस अफसरों की पदोन्नति सिर्फ वित्त विभाग की सहमति से हुई, गृह मंत्रालय के नियमों का पालन नहीं हुआ।
कार्रवाई: मुख्यमंत्री कार्यालय ने गृह विभाग से रिपोर्ट मांगी, जिसने पदोन्नति को नियमानुसार बताया।
2023 – दो-दो सरकारी आवास का मुद्दा
उन्होंने नौ आईपीएस अधिकारियों को दो-दो सरकारी आवास मिलने पर सवाल उठाया।
कार्रवाई: सरकार ने आदेश जारी किया कि कोई भी अफसर दो सरकारी आवास नहीं रखेगा, एक अफसर पर जुर्माना भी लगाया गया।
2024 – चुनावी तबादलों में भेदभाव के आरोप
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान पूरण कुमार ने आईजी रैंक के एक अफसर की फील्ड तैनाती और अनुसूचित वर्ग के अफसरों के तबादलों पर सवाल उठाया।
कार्रवाई: चुनाव आयोग को इन शिकायतों का कोई ठोस आधार नहीं मिला।
पूरण कुमार का करियर लगातार नियमों और भेदभाव पर सवाल उठाने के लिए जाना जाता रहा, और उनके ये मामले उनके अंतिम दिनों में भी चर्चा का विषय बने रहे।















