हरियाणा : सरकार शहीद सैनिकों के आश्रितों को देगी एक करोड़

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली राशि दोगुनी कर दी है। अब सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों के शहीद होने पर उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे। अभी तक 50 लाख रुपए की राशि सरकार दे रही थी। हरियाणा मूल के सभी जवानों के परिजनों को यह राशि दी जाएगी, चाहे वे देश में कहीं पर भी रह रहे हों।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 24 दिसंबर 2024 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहीद सैनिकों की राहत राशि दोगुनी करने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब लागू किया गया है। सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेन्द्र कुमार ने शुक्रवार की रात इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद यह फैसला लागू हो गया है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि फरवरी 2023 या इसके बाद हताहत होने वाले जवानों को अनुग्रह अनुदान की संशोधित राशि दी जाएगी। ड्यूटी के दौरान दुर्घटना, दिल का दौरा, हवाई दुर्घटना, समुद्र में दुर्घटना, आंतरिक सुरक्षा संचालन के दौरान मृत्यु, चुनाव कर्तव्यों, प्राकृतिक आपदाओं और बचाव कार्यों के दौरान हताहत होने पर भी आश्रितों को एक करोड़ रुपए का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा।

सैनिक के शहीद होने के बाद शहीद की पत्नी अगर दोबारा शादी कर लेती है तो भी उसे उसका 35 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा। यदि शहीद की कोई संतान नहीं है तो 50 प्रतिशत पत्नी और 50 प्रतिशत हिस्सा माता-पिता को मिलेगा। माता और पिता जीवित नहीं हैं तो 50 प्रतिशत राशि पत्नी और 50 प्रतिशत बच्चों को मिलेगी।

सरकार की इस योजना के दायरे में सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स,असम राइफल्स, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस,केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और रैपिड एक्शन फोर्स बलिदानी अग्निवीरों के आश्रित आएंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

दीपिका चिखलिया बन सकती थीं ‘राम तेरी गंगा मैली’ की हीरोइन, लेकिन किस्मत ने बनाया ‘सीता’ MS Dhoni बोले : मुझे जवाब देने की जरूरत नहीं, मेरी फैन फॉलोइंग ही काफी है साई सुदर्शन ने जड़ा धमाका, टी-20 में बिना जीरो आउट हुए बनाए सबसे ज्यादा रन सेना के नये कमांडर होंगे एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारत से अधूरे इलाज के बाद लौटे पाकिस्तानी किशोर की गुहार, बोला- पीएम मोदी मेरी मां को कराची लौटने दें