
Haryana News : हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपने सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को असिस्टेंट लॉ ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है, जिससे अब विवाद उठ खड़ा हुआ है। यह मामला खासतौर पर तब चर्चा में आया जब पता चला कि विकास बराला पर आठ साल पहले एक आईएएस अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, जिसका अभी भी कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। वहीं, अब जब विकास बराला को लॉ ऑफिसर बनाया गया है, तो पीड़िता ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
विकास बराला की नियुक्ति के खिलाफ, वर्णिका कुंडू ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि किसी को सरकारी पद पर नियुक्ति केवल राजनीतिक निर्णय नहीं है— यह नैतिकता और मानकों का परीक्षण है। युवती ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि ऐसे निर्णय लेने वाले अधिकारियों से सवाल किए जाने चाहिए, जिनकी नैतिकता और मानकों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नीति निर्माता देश का संचालन करते हैं, और हम सबको बस यही उम्मीद है कि उन्हें अपने कर्तव्य का ध्यान रखना चाहिए कि वे भारतीय नागरिकों के हित में कार्य करें।
वर्णिका ने अपने केस का भी जिक्र किया और कहा, “मैं अपने मामले पर बात करूंगी। महीनों तक राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद, यह मामला अभी लंबित है और कोई निर्णायक प्रगति नहीं हुई है। हालांकि, मैं अभी भी न्यायपालिका पर भरोसा बनाए हुए हूं, लेकिन विश्वास थोड़ा डगमगा गया है। मैं मीडिया और जनता से मिले समर्थन के लिए हृदय से आभारी हूं। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि मुझे हिम्मत मिली है, और आज भी मेरी आंखें भर आती हैं।”
पूरा मामला क्या है?
हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने 18 जुलाई को प्रदेश में 96 लॉ ऑफिसर्स की नियुक्ति की, जिनमें से एक सुभाष बराला को सहायक महाधिवक्ता के पद पर तैनात किया गया। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि विकास बराला पर गंभीर आरोप लगे हैं। 5 अगस्त 2017 को चंडीगढ़ में उन्होंने एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा किया था। उस समय यह घटना काफी चर्चा में आई थी। विकास बराला के पिता उस समय भाजपा प्रदेशाध्यक्ष थे। यह मामला अभी भी कोर्ट में है, और 2 अगस्त को इस मामले में सुनवाई होनी है।
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