
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित पूर्व सीबीआई जज सुधीर परमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। अब एसीबी अदालत में पूर्व न्यायिक अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा सकेगी।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और दंड प्रक्रिया संहिता के अनुसार, किसी भी लोक सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है। चौकसी एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 18 महीने की जांच के बाद परमार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी।
आरोपों का विवरण
पूर्व जज पर आरोप हैं कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े रियल एस्टेट मामलों में एम3एम के प्रमोटर्स बसंत बंसल, पंकज बंसल और आईआरईओ के मालिक ललित गोयल व उनके भतीजे अजय परमार के मामले में नरमी बरती और रिश्वत ली।
एसीबी ने जांच के दौरान सुधीर परमार और एक अन्य व्यक्ति के बीच व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट पाए, जिसमें परमार ने एम3एम मालिकों से 5 से 7 करोड़ रुपये की मांग की। चैट में यह भी कहा गया कि आईआरईओ मामले में सुधीर परमार को पहले ही 5 करोड़ रुपये दिए जा चुके थे।
आगे की कार्रवाई
इन आरोपों के आधार पर एसीबी ने सुधीर परमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। कथित रिश्वत के पैसों से उन्होंने गुरुग्राम में प्रॉपर्टी भी खरीदी। इसके बाद मामला ईडी के हाथ में चला गया, जिसने परमार के घर छापे मारे और उन्हें गिरफ्तार किया। मामले में बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया था।










