
हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और इससे कमाई करने की अनुमति दे दी है, बशर्ते वह सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करें। मुख्यमंत्री नायब सिंह ने विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है।
सोशल मीडिया पर कमाई की गाइडलाइंस
सरकारी कर्मचारी सालाना 8,000 रुपये तक की कमाई सोशल मीडिया के जरिए कर सकते हैं। यदि उनकी आय 8,000 रुपये से ज्यादा होती है, तो उन्हें अतिरिक्त राशि का एक तिहाई हिस्सा सरकारी खजाने में जमा करना होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारी अपनी ड्यूटी के बाद सोशल मीडिया पर एक्टिव रह सकते हैं और कला या वैज्ञानिक सामग्री बनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि किसी कर्मचारी ने अपनी सेवा के दौरान अर्जित ज्ञान का इस्तेमाल न किया हो, तो वह इस आय को अपनी व्यक्तिगत कमाई के रूप में रख सकता है।
कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए गए
शून्यकाल के दौरान, कांग्रेस विधायक मनदीप चड्ढा ने राज्य में बढ़ती अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें एक फाइनेंसर बेटे को शादी में गोली मारी गई। उन्होंने सुझाव दिया कि विदेश में बैठे गैंगस्टरों को डिपोर्ट करके लाने की जरूरत है ताकि राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार हो सके। इस पर मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि मामले में त्वरित कार्रवाई की गई है।
निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निजी स्कूलों की मनमानी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 50 रुपये की किताब 150 रुपये में बेची जाती है और ड्रेस व अन्य चार्जेस के नाम पर अभिभावकों से ज्यादा पैसा वसूला जाता है। उन्होंने इन मामलों की जांच कराने की मांग की।
कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति पर सवाल
विधायक शीशपाल केहरवाला ने हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा किए गए फैसलों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुलपति को चार साल का एक्सटेंशन दिया गया, जबकि दो साल का प्रावधान था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति ने बिना पद के अपनी पत्नी को डायरेक्टर नियुक्त किया और 28 सेवानिवृत्त इंजीनियरों को नौकरी पर रख लिया।
शहीद स्मारक को लेकर भाजपा के अंदर सवाल-जवाब
नसीबपुर गांव में शहीद स्मारक बनाने के मामले में भाजपा विधायक ओमप्रकाश यादव और मंत्री राव नरबीर के बीच सवाल-जवाब हुआ। ओमप्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी, लेकिन मंत्री ने उदासीन जवाब दिया। इस पर मंत्री नरबीर ने कहा कि उनकी सरकार शहीदों का सम्मान करती है और इस मुद्दे पर कार्रवाई की जाएगी।