हरिद्वार। धर्म नगरी हरिद्वार में गंगा दशहरा के पावन पर्व पर स्वामी विवेकानंद घाट, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल में मां गंगा आरती के साथ योग सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रामकृष्ण मठ के बड़े महाराज एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयामुर्त्यानंद (डॉ प्रवक्त महाराज), पटना राम कृष्ण मठ से आए पूज्य संत स्वामी अमृत राज महाराज, पूज्य जगदीश महाराज एवं अन्य वरिष्ठ संतों की में उपस्थिति रही।
स्वामी दयामुर्त्यानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार ज्ञान के दो रूप हैं वस्तु जगत का ज्ञान तथा आत्म तत्त्व का ज्ञान मनुष्य को ये दोनों प्रकार के ज्ञान को प्राप्त करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने योग के द्वारा विश्व बंधुत्व की भावना का विकास करना चाहते और वैदिक धर्म और संस्कृति समस्त स्वरूपों का सही प्रतिनिधित्व किया। स्वामी अमृत राज महाराज ने कहा कि इस आयोजन से योग साधक ही नहीं आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी प्रेरणा मिली है और मैं आह्वान करता हूं की सामान्य जनमानस अपने जीवन में योग को अपनाएं जिससे वह स्वस्थ जीवन के साथ एक आध्यात्मिक जीवन भी प्राप्त कर सकते हैं।
जगदीश महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब सारा विश्व योग को अपना रहा है तो हम भारतवासी ही क्यों पीछे रहें, योग को अपनाकर हम दीर्घायु और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ स्वास्तिक सुरेश ने बताया कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हरकी पैड़ी मालवीय घाट पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सुबह की गंगा आरती के बाद आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, श्री गंगा सभा के पदाधिकारी, प्रशासन के अलावा श्रद्धालु भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के परमाध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम भी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ अवनीश उपाध्याय ने सभी संतों और आने वाले योग साधकों तथा तीर्थ यात्रियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।