हरिद्वार दोहरा हत्याकांड : दो दोषियों को उम्रकैद, अदालत का बड़ा फैसला

हरिद्वार : ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने आरोपियों आशीष मेहता और अरुण को हत्या, जानलेवा हमला और अभद्र भाषा का दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास के साथ कुल साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया।

क्या है पूरा मामला
घटना 3 अक्तूबर 2015 की रात करीब साढ़े नौ बजे की है। कड़च्छ, ज्वालापुर निवासी पंकज अपने दोस्तों कार्तिक और रोहित उर्फ बंटी के साथ शास्त्री नगर मार्केट जा रहा था। रास्ते में शास्त्री नगर में आरोपी आशीष मेहता अपने भाई चिन्नू मेहता, पिता महेश मेहता, सचिन और अरुण समेत अन्य साथियों के साथ दुकान के बाहर मौजूद था।

पुरानी रंजिश के चलते आरोपियों ने पंकज और उसके साथियों से विवाद शुरू कर दिया। बात गाली-गलौज से शुरू हुई और देखते ही देखते आरोपियों ने चाकू, खुखरी और अन्य धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में पंकज और कार्तिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रोहित गंभीर रूप से घायल हो गया।

एफआईआर और अदालत की कार्यवाही
घटना की रिपोर्ट मृतक पंकज के पिता नौरतू ने उसी रात कोतवाली ज्वालापुर में दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद आशीष मेहता, महेश मेहता और अरुण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान आरोपी महेश मेहता की मृत्यु हो गई, जिससे उसके विरुद्ध मामला समाप्त कर दिया गया। एक अन्य आरोपी नाबालिग होने के कारण उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेजा गया।

गवाही और सजा
मुकदमे की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से कुल 30 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आशीष मेहता (निवासी शास्त्री नगर) और अरुण (निवासी अंबेडकर नगर, ज्वालापुर) को दोषी ठहराया।

सजा का ब्योरा

  • हत्या के आरोप में: उम्रकैद और ₹5,50,000 का जुर्माना
  • जानलेवा हमले के लिए: 10 वर्ष कारावास और ₹5,000 जुर्माना
  • गाली-गलौज के लिए: 1 माह कारावास और ₹500 जुर्माना


जिला शासकीय अधिवक्ता इंद्रपाल बेदी और एससी/एसटी एक्ट के विशेष लोक अभियोजक धर्मेश कुमार ने मामले में वकालत की। यह फैसला न्याय प्रक्रिया में भरोसा बढ़ाने वाला और पीड़ित परिवार को आंशिक न्याय दिलाने वाला माना जा रहा है।

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