हरिद्वार। ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को विश्व वृक्ष दिवस के रूप में मान्यता दिलाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संस्थापक ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने बताया कि दुनिया में हर दिन कोई न कोई विशेष दिन मनाया जाता है। लेकिन जीवन के लिए सबसे जरूरी प्राणवायु को उत्पादित करने वाले पेड़ के नाम पर अभी तक कोई खास दिवस की न तो मान्यता मिली है और ना ही घोषणा हो पाई है। 16 जुलाई को मनाए जाने वाले उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को अंतरराष्ट्रीय वृक्ष दिवस के रूप में मान्यता दिलाए जाने के लिए वर्ल्ड ट्री डे नेटवर्क गठित कर ग्लोबल ग्रीन पीस मिशन के माध्यम से जागरूकता अभियान 6 जुलाई से शुरू किया जा रहा है।
ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिर्वतन की सबसे बड़ी समस्या का समाधान केवल हरेला जैसे प्रकृति पर्व में ही निहित है। धरती पर वृक्षों की कमी के कारण ही पृथ्वी आग का गोला बनती जा रही है। जिसे ठंडा करने के लिए अधिकाधिक पौधारोपण किया जाना और खड़े दरखतों की रक्षा करना जरूरी है।
प्रकृति पर्व के रुप में अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से केवल दो तारीख मनाई जाती हैं। जिनमें एक 14 जनवरी मकर संक्रान्ति और दूसरी 16 जुलाई कर्क संक्रांति यानी हरेला। भूमध्य रेखा के दोनों दिशाओं की जलवायु को प्रभावित करने वाली मकर रेखा और कर्क रेखा भूमंडल के बड़े हिस्से में हरित क्षेत्र बढ़ाने वाली सबसे अनुकूल तिथि 16 जुलाई ही है।
ऑनलाइन याचिकाओ के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ तक अपना पक्ष ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया मजबूती के साथ रख रहा है। जन जागरण के लिए 6 जुलाई से जन सहभागिता के वृहद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। पत्रकारवार्ता में जगदीशलाल पाहवा, आयोजन समिति के जिला संयोजक प्रमोद शर्मा, विनोद मित्तल, ओमप्रकाश सिंह, जितेंद्र रघुवंशी, रमेश उपाध्याय, राजीव भाई, महेश धीमान, डा.ज्ञानप्रकाश, निवेदिता, चेतन्य गुरु आदि मौजूद रहे।