
बिलग्राम, हरदोई । पहलगाम में आतंकियों द्वारा हिंदू तीर्थयात्रियों की गोली मारकर हत्या करने की इस कायराना घटना ने बिलग्राम की जनता में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। इस दुखद घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके कारण जिले के बिलग्राम सहित देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
सड़कों पर पाकिस्तानी झंडे बिछाना और उन पर पैर रखना, सीमा पार आतंकवाद के संबंध में पाकिस्तान को कुछ गुटों से मिलने वाले कथित समर्थन के प्रति गुस्से और अस्वीकृति का एक प्रतीकात्मक लेकिन कड़ा संकेत है। हिंदू यात्रियों पर हमला सिर्फ़ व्यक्तियों के खिलाफ़ अपराध नहीं है, बल्कि यह एक समुदाय की सामूहिक पहचान पर हमला है। यह सुरक्षा, संरक्षा और भारत के अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ बड़े भू-राजनीतिक परिदृश्य के बारे में गंभीर सवाल उठाता है।
कई नागरिकों को लगता है कि सरकार को सीमा पार से होने वाले आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ़ कड़ा निर्णय लेना चाहिए। बिलग्राम की सड़कों पर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए उमड़ पड़े, जिसमें पाकिस्तानी राष्ट्रीय ध्वज पर पैर रखना शामिल था, एक दृश्य विरोध जो राष्ट्रवाद और सुरक्षा के बारे में मजबूत भावनाओं को व्यक्त करता है। इस तरह के विरोध प्रदर्शन भारतीय जनता के बीच एक गहरी भावना को दर्शाते हैं, जो न्याय और जवाबदेही की लालसा रखते हैं।
नागरिकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसक घटनाएं अक्सर जनता से तीव्र भावनात्मक प्रतिक्रियाएं भड़काती हैं, जो एकजुट करने वाली और विभाजनकारी दोनों हो सकती हैं। पहलगाम के संदर्भ में, पाकिस्तान के प्रति गुस्सा न केवल तात्कालिक हिंसा के कारण है,बल्कि धर्म आधारित पहचान के बाद हिंदुओ की हत्या कर कायराना हरकत को प्रदर्शित किया।