
Hardoi : बिलग्राम तहसील क्षेत्र में गंगा नदी के जलस्तर में बाढ़ के बाद दोबारा वृद्धि होने से गंगा किनारे गांवों के लोग भयभीत हैं। पानी बढ़ने से खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर संकट मंडराने लगा है। वहीं, पशुधन के लिए चारे और सुरक्षित ठिकाने की चिंता भी ग्रामीणों को सताने लगी है।
गंगा की बाढ़ से प्रभावित म्योरा सहित कई गांवों में लोग प्रशासन से राहत और बचाव कार्य की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो कई घरों में पानी घुस सकता है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। खेतों में धान और अन्य फसलों को भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने प्रशासन से राहत सामग्री, पशुओं के लिए चारा और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की।
हालांकि प्रशासन द्वारा बाढ़ पर निगरानी बनाए रखने की बात कही जा रही है, लेकिन हालात को देखते हुए ग्रामीण लगातार सहमे हुए हैं। गंगा की बढ़ती धार से प्रभावित गांवों में लोग अपने परिवार और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
बाढ़ राहत सामग्री वितरण के लिए समाजसेविका दीपा विश्वास अपनी टीम के साथ चिरंजूपुरवा व नोखेपुरवा गांवों में लगभग चार सौ बाढ़ प्रभावित लोगों को खाने के पैकेट वितरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बाढ़ की स्थिति गंभीर है, तब तक भोजन के पैकेट वितरण जारी रहेगा।
अधिशासी अभियंता शारदा नहर हरदोई खंड अजय चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगा खतरे के निशान से ऊपर और अधिकतम बिंदु से नीचे है, और अब जलस्तर कम होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में गंगा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है।
ये भी पढ़ें: Jhansi : खेत में काम करते समय किसान की मौत, परिवार में पसरा मातम
Jhasi : हिस्ट्रीशीटर फिरोज से पुलिस की मुठभेड़, घायल आरोपी गिरफ्तार