बिना छुएं उत्पीड़न, तेजी से बढ़ रहा डिजिटल रेप! जानिए क्या है और कैसे निपटें

Seema Pal

What is Digital Rape? : आजकल समाज जैसे-जैसे डिजिटल युग की ओर तेजी से बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अपराधों की सीमा पार होती जा रही है। डिजिटल क्षेत्र में नई तकनीकी विकास के साथ अपराधों के प्रकारों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। आज समाज में 20 फीसदी क्राइम डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। जिसमें डिजिटल रेप की भागीदारिता अधिक है।

डिजिटल युग में प्रवेश करने के साथ ही आज समाज नए युग में प्रवेश कर चुका है। इसिलए 80 फीसदी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट्स से लेकर सोशल एप शामिल हैं। इन सोशल नेटवर्किंग साइट्स और एप से ही ‘डिजिटल रेप’ जैसे क्राइम का जन्म हुआ है। आज डिजिटल रेप एक गंभीर अपराध का रूप ले चुका है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

डिजिटल रेप से आप क्या समझते हैं?

डिजिटल रेप का मतलब है किसी व्यक्ति द्वारा डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके दूसरे व्यक्ति की गरिमा का उल्लंघन करना। यह एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी की अनिच्छा के खिलाफ उसके निजी और संवेदनशील डेटा का दुरुपयोग किया जाता है। इसमें सोशल मीडिया, ऑनलाइन चैट, वीडियो कॉल और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग किया जा सकता है।

यह अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी या चित्र को बिना उनकी अनुमति के साझा किया जाता है या उनके खिलाफ यौन संबंध बनाने के लिए धमकाया जाता है। इसे साइबर स्टॉकिंग, सेल्फी या न्स्त्रग्रथन (revenge porn) के रूप में भी देखा जा सकता है।

किन अपराधों को कहेंगे डिजिटल रेप?

डिजिटल रेप एक प्रकार का यौन उत्पीड़न है जो डिजिटल या ऑनलाइन माध्यमों के जरिए किया जाता है। इसमें किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उनकी निजता का उल्लंघन करना शामिल होता है।

अंतरंग तस्वीरों या वीडियो का दुरुपयोग– किसी व्यक्ति की निजी तस्वीरें या वीडियो को उनके बिना consent के साझा करना या उत्पीड़न के उद्देश्य से इस्तेमाल करना।

यौन रूप से उत्तेजक सामग्री का भेजना– सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर किसी को अनचाहे यौन संदेश या चित्र भेजना।

साइबर बुलिंग– ऑनलाइन माध्यमों पर किसी व्यक्ति को अपमानित या धमकाने के लिए उनका व्यक्तिगत डेटा या जानकारी का उपयोग करना।

डिजिटल रेप को कैसे रोकें

डिजिटल रेप के पीड़ितों पर गंभीर मानसिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति महसूस कर सकता है कि उनकी पहचान और सुरक्षा दोनों खतरे में हैं। यह उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे अवसाद, चिंता, और आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है।

डिजिटल रेप को रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। लोगों को यह समझाना आवश्यक है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संतुलित और जिम्मेदार व्यवहार कैसे किया जाए। इसके अलावा, डिजिटल सुरक्षा के उपायों को समझना भी आवश्यक है।

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