
कर्नाटक का हम्पी शहर, जो तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा हुआ है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। अपनी खूबसूरत मंदिरों, खंडहरों और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध यह शहर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। हर साल, हम्पी में एक भव्य सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित किया जाता है, जिसे “हम्पी उत्सव” या “विजया उत्सव” के नाम से जाना जाता है। यह उत्सव न केवल इस शहर की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है, बल्कि यह एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है, जो पर्यटकों को कर्नाटक की परंपराओं, कला और इतिहास से जोड़ता है।
हम्पी उत्सव 2025 की तारीखें:
इस वर्ष का हम्पी उत्सव 28 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक मनाया जाएगा। यह उत्सव तीन दिन तक चलता है और इसमें सांस्कृतिक, पारंपरिक और ऐतिहासिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जो भारतीय संस्कृति का अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं।
हम्पी उत्सव की प्रमुख विशेषताएँ:
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
- उत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इनमें भरतनाट्यम, कर्नाटक संगीत, पारंपरिक नृत्य-नाटिका और यक्षगान जैसे लोक नृत्य और नाट्य प्रदर्शन होते हैं। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से कलाकार भारतीय कला और संस्कृति की गहरी जड़ें और परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं।
- कठपुतली शो:
- ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं को कठपुतली नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह शो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए मनोरंजन का एक बेहतरीन स्रोत होता है, जो पुरानी भारतीय कथाओं और मिथकों को जीवित करता है।
- सामूहिक योग सत्र:
- योग प्रेमियों के लिए उत्सव में विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं। इस सत्र में विभिन्न प्रकार के योगासन, प्राणायाम और ध्यान की विधियाँ सिखाई जाती हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- जंबो सावरी (हाथी जुलूस):
- यह उत्सव का सबसे आकर्षक और भव्य कार्यक्रम होता है, जहां सजाए गए हाथियों का शाही जुलूस निकलता है। यह विजयनगर साम्राज्य की भव्यता और रॉयल्टी को दर्शाता है, जो दर्शकों को एक ऐतिहासिक अनुभव प्रदान करता है।
- विंटेज कार रैली और बाइक स्टंट शो:
- 1 और 2 मार्च को विशेष रूप से विंटेज कार रैली और बाइक स्टंट शो का आयोजन किया जाता है। यहां आपको पुराने जमाने की शानदार कारों की रैली और रोमांचक बाइक स्टंट देखने को मिलेंगे, जो उत्सव के दौरान एक अद्वितीय आकर्षण होता है।
- वाटर स्पोर्ट्स और बोटिंग:
- कमलपुर लेक में जल क्रीड़ाओं का आनंद लिया जा सकता है। यहाँ पर्यटक बोटिंग, जल क्रीड़ा और अन्य वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठा सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए एक शानदार अनुभव है जो एडवेंचर और पानी के खेलों में रुचि रखते हैं।
- हम्पी बाई स्काई – हेलीकॉप्टर सेवा:
- उत्सव के दौरान, पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर से हम्पी के सुंदर दृश्यों का अवलोकन करने का अवसर प्रदान किया जाता है। यह एक अनूठा अनुभव है, जो आपको हम्पी के ऐतिहासिक स्थानों और इसके आसपास के प्राकृतिक दृश्यों को आकाश से देखने का मौका देता है।
हम्पी उत्सव में कैसे शामिल हों:
हम्पी उत्सव में भाग लेने के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। यहां तीनों प्रकार के यात्रा विकल्प उपलब्ध हैं, जो आपको आसानी से इस महोत्सव तक पहुँचने में मदद करेंगे।
- हवाई मार्ग:
- हम्पी का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा विद्यानगर एयरपोर्ट है, जो हम्पी से लगभग 40 किमी दूर स्थित है। यहां से आप कैब या टैक्सी लेकर हम्पी पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग:
- अगर आप रेल से यात्रा करना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन होस्पेट जंक्शन है, जो हम्पी से लगभग 13 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी या बस द्वारा हम्पी पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग:
- हम्पी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप बस, टैक्सी या निजी वाहन से भी यहाँ पहुँच सकते हैं। कर्नाटका राज्य परिवहन निगम (KSRTC) भी हम्पी तक बस सेवाएं प्रदान करता है।
हम्पी उत्सव के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष परिवहन और पर्यटन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता। इसलिए, यदि आप हम्पी उत्सव में भाग लेने का सोच रहे हैं, तो पहले से यात्रा और होटल बुकिंग करना एक अच्छा विचार है।
हम्पी के प्रमुख पर्यटन स्थल:
हम्पी उत्सव में शामिल होने के दौरान, आप यहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की सैर भी कर सकते हैं। हम्पी में कई ऐसे स्थल हैं जो भारतीय इतिहास और संस्कृति की झलक प्रदान करते हैं:
- हजारा राम मंदिर:
- यह मंदिर रामायण के दृश्यों और कथाओं से सुसज्जित है। यहां के अद्भुत उकेरे गए चित्र और मूर्तियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
- पत्ताभिराम मंदिर:
- यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसके वास्तुकला में विशेष आकर्षण है।
- प्रसन्नता विरुपाक्ष मंदिर:
- इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है और यह हेमकुंट पर्वत की तलहटी में स्थित है।
- अनंतशयना मंदिर:
- यह मंदिर भगवान विष्णु के विश्राम स्थल को दर्शाता है, जहां विष्णु की विशाल मूर्ति सोई हुई अवस्था में है।
- हीरेबेनकल प्री हिस्टोरिक साइट:
- यह स्थल प्राचीन मानव सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यहाँ के गुफाएँ और चित्र पुरानी सभ्यताओं का साक्षात्कार कराते हैं।














