हमीरपुर : जांच में 6.56 लाख का भ्रष्टाचार उजागर, दोषी प्रधान के अधिकार सीज

  • जिलाधिकारी ने पावर सीज कर बनाई संचालन समिति–तीन सदस्यीय टीम को सौंपी गई पंचायत की बागडोर

हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद गुरुवार को जिलाधिकारी घनश्याम मीणा ने बड़ा कदम उठाया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान हरदौल निषाद के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। साथ ही पंचायत संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है।

जांच में विकास कार्यों में 6 लाख 56 हजार 302 रुपये के भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई थी। इसके बाद डीएम ने प्रधान, सचिवों, अवर अभियंता व कंसल्टिंग इंजीनियर समेत कई जिम्मेदारों से वसूली का आदेश जारी किया था। डीएम ने चार सितम्बर को आदेश जारी कर पंचायत संचालन के लिए महेश निषाद, प्रदीप निषाद और श्रीपाल साहू को समिति का सदस्य बनाया है।

हालांकि, शिकायतकर्ता रमेश निषाद ने समिति गठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें सामाजिक न्याय की अनदेखी की गई है। समिति में दो सदस्य प्रधान के परिवार से हैं, जबकि अनुसूचित जाति एवं महिला का प्रतिनिधित्व होना आवश्यक था। इसके अलावा सचिव व अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई न होना भी सवाल खड़े कर रहा है। ग्राम पंचायत के कई ग्रामीणों ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण विकास कार्य ठप हो गए थे। प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से हुई गड़बड़ियों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा। ग्रामीणों ने मांग की कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए, तभी न्याय पूर्ण होगा। डीपीआरओ जितेन्द्र मिश्रा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। ग्राम पंचायत के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति भी बनाई गई है।

–किससे कितनी वसूली का आदेशप्रधान हरदौल निषाद ₹2,31,521सचिव ओमप्रकाश प्रजापति ₹2,07,390अवर अभियंता महेश चंद्र ₹55,107कंसल्टिंग इंजीनियर अनूप कुमार सोनी ₹1,46,708तात्कालिक सचिव महेंद्र पांडे ₹5,375साधना पांडे ₹5,000अनामिका पांडे ₹5,000कुल वसूली रू ₹ 6,56,302

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