
- जिम्मेदार अधिकारी बने मूक दर्शक, भ्रष्टाचार के गंभीर संकेत
Bharuwa Sumerpur, Hamirpur : उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) की करोड़ों रुपये मूल्य की औद्योगिक भूमि पर पिछले दो माह से अवैध वाहन स्टैंड का बेखौफ संचालन हो रहा है, जिसने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यह मामला भरुवा सुमेरपुर में रिमझिम इस्पात फैक्ट्री के ठीक सामने का है, जहां ‘पार्किंग माफिया’ द्वारा कंपनी के कर्मचारियों से ही जबरन वसूली की जा रही है।
स्टैंड संचालक मोटरसाइकिल के लिए ₹200 और साइकिल के लिए ₹100 वसूल रहे हैं। यह अवैध वसूली सीधे तौर पर कर्मचारियों की दिहाड़ी पर डाका है और स्टैंड संचालक व कंपनी के कुछ तत्वों की मिलीभगत की ओर इशारा करती है।

प्रशासनिक चुप्पी पर गंभीर आरोप
कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों ने कई बार यूपीएसआईडीए के क्षेत्रीय कार्यालय और स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन हर बार मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस अवैध कब्जे को मुख्य मार्ग पर प्रशासन की जानकारी के बिना चलाना लगभग असंभव है।
एक स्थानीय उद्यमी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यूपीएसआईडीए की जमीन का मूल्य करोड़ों में है। प्रशासन की यह चुप्पी बताती है कि यह केवल स्टैंड नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का खुला खेल है, जहां नीचे से ऊपर तक ‘सेटिंग’ है।” जानकारों का मानना है कि इस तरह के अवैध निर्माण को हटाने में केवल कुछ घंटों का समय लगता है, फिर भी दो माह बाद भी बुलडोजर कार्रवाई का अभाव संरक्षण मिलने का स्पष्ट संकेत है।

स्थानीय जनता ने इस गंभीर प्रशासनिक विफलता और भ्रष्टाचार के मामले को देखते हुए, मुख्यमंत्री कार्यालय से तत्काल हस्तक्षेप और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उनकी मांग है कि मिलीभगत में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए ताकि औद्योगिक क्षेत्र को अतिक्रमण और अवैध वसूली से मुक्त कराया जा सके।











