हाजी याकूब की मुश्किलें बढ़ी, आसान नहीं निकल पाना
-पुलिस की आठ टीमें कर रही तलाश, पूर्व मंत्री परिवार सहित फरार
-गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की फाइल तैयार कर रही पुलिस
लियाकत मंसूरी
मेरठ। हापुड़ रोड स्थित फैक्ट्री में मीट पकड़े जाने के बाद पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद हाजी याकूब परिवार सहित फरार है, अब घर पर सिर्फ नौकर है जिनको याकूब के बारे में कुछ पता नहीं है। बसपा में कद्दावर नेता के रूप में पहचान बनाने वाले पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की कभी प्रदेश में तूती बोलती थी, आज पुलिस उनकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। माना जा रहा है अगले कुछ दिनों में उनके गैर कानूनी इमारतों पर बुलडोजर चल जाएगा।
गौरतलब है कि बसपा नेता और मायावती सरकार में मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। वारंट जारी होते ही पुलिस ने देर रात हाजी याकूब के आवास पर दबिश दी थी, लेकिन वे घर पर नहीं मिले। अब पुलिस कुरैशी की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है, मीट फैक्ट्री और बिना लाइसेंस हॉस्पिटल चलाने के मामले में पुलिस ने जो मामले दर्ज किए हैं, उसमे हाजी याकूब कुरैशी को नोटिस दिए गए थे, लेकिन नोटिस उनके व उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा प्राप्त नहीं किए गए, जिसके बाद एसीजेएम कोर्ट से पुलिस को गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। पुलिस की आठ टीमें याकूब, उनके दो बेटों और अन्य की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे चुकी है, परंतु वे परिवार सहित फरार हैं। एसएसपी चौधरी ने बताया कि याकूब कुरैशी पर 420, 269, 270, 272, 273 व 120 बी के तहत मामला दर्ज है और उन पर अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की फाइल तैयार की जा रही है।
कार्टून विवाद से दुनिया में बटोरी थी सुर्खियां
बतादे कि वर्ष 2006 में हाजी याकूब कुरैशी ने डेनमार्क में पैगम्बर के कार्टून विवाद में सुर्खियां बटोरी थी, जिसमें उनके द्वारा कार्टून बनाने वाले का सिर कलम के बदले 54 करोड़ का इनाम घोषित किया गया था। तब हाजी याकूब बसपा सरकार में मंत्री थे। अब याकूब कुरैशी खुद पुलिस से बचते फिर रहे हैं। मेरठ पुलिस की आठ टीमें, साइबर सर्विलांस टीमें पूर्व मंत्री को तलाश कर रही है।
हाजी याकूब के बारे में
2007 में हाजी याकूब ने यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) नाम से एक अलग पार्टी बनायी थी। इसी पार्टी से उन्होंने चुनाव लड़ा और विधायक बन गए थे। बाद में वे बीएसपी में शामिल हो गए, उसके बाद उनके भाई हाजी यूसुफ कुरैशी ने इस पार्टी की कमान थामी। हाजी यूसुफ कुरैशी भी कांग्रेस में शामिल हो गए। बीएसपी सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देकर मंत्री बनाया था। वर्ष 2012 के चुनाव में उनका टिकट कट गया था, जिसके बाद वह 2012 में ही आरएलडी में शामिल हो गए थे। कुछ दिन वह सपा में भी रहे, बाद में उनकी फिर से बीएसपी में वापसी हुई। 2022 के विधानसभा चुनाव में हाजी याकूब ने किसी भी विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ा।
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