
गुरुग्राम जनपद की 154 पंचायतों में से 60 पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित टीबी रोग जागरूकता कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ डॉ. केशव शर्मा ने बताया कि टीबी एक लाइलाज रोग नहीं है और इसका पूरी तरह से निशुल्क इलाज सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की दवा मुफ्त में उपलब्ध है और “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” के अभियान के तहत जनभागीदारी से टीबी मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
टीबी (क्षय रोग) एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है और माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण फैलती है। यह हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। डॉ. केशव शर्मा ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए नियमित और पूर्ण उपचार लेना जरूरी है।
बच्चों में टीबी संक्रमण का खतरा अधिक
टीबी संक्रमण बच्चों, सामान्य से कम वजन के व्यक्तियों, शराब और तंबाकू का सेवन करने वाले, डायबिटीज, किडनी के रोगियों, एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों और पहले से टीबी से प्रभावित लोगों के संपर्क में रहने वालों में अधिक संभावना होती है। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि दवा के नियमित कोर्स से टीबी संक्रमण को गंभीर रोग में बदलने से रोका जा सकता है।
टीबी मरीजों के लिए आर्थिक सहायता
निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, निक्षय मित्रों द्वारा मरीजों को पोषण किट भी प्रदान की जा रही है। टीबी के बारे में अधिक जानकारी और सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1800116666 पर मिस कॉल करके जानकारी ली जा सकती है।
टीबी के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसमें एएसएमओ डॉ. अरुण सैनी, पूनम देवी, मनीषा देवी और एनजीओ प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।