गुना : मंदिर-मस्जिदों में लगेंगे कैमरे, छतों पर होगी निगरानी

गुना : प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और गुना जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने रविवार को गुना पहुंचकर जिले की कानून व्यवस्था, सामाजिक समरसता, जल संकट और मजदूर कल्याण से जुड़े मुद्दों पर समीक्षा की। उन्होंने प्रशासनिक अमले को निर्देशित किया कि जिले में किसी भी हाल में शांति व्यवस्था भंग न हो। सर्किट हाउस में बंद कमरे में कलेक्टर और एसपी से चर्चा के बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आगामी त्योहारों, सांप्रदायिक सौहार्द और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के शुरुआत में कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने प्रभारी मंत्री को पौधा भेंट कर स्वागत किया और जिले की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हाल ही में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए 9 प्रकार के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें सोशल मीडिया, भूसा भंडारण और निर्यात जैसे मुद्दे शामिल हैं। साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े तैयारियों की भी जानकारी दी गई।

हनुमान जयंती पर पथराव के बाद सख्ती

प्रभारी मंत्री ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। विशेषकर हनुमान जयंती पर हुए पथराव की घटना को देखते हुए निर्णय लिया गया कि जिले के मंदिरों और मस्जिदों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे ताकि किसी भी घटना पर त्वरित निगरानी रखी जा सके। इसके साथ ही छतों पर पत्थरों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में चांचौड़ा क्षेत्र में हाल ही में मुक्त कराए गए 50 से अधिक मानसिक रूप से विक्षिप्त मजदूरों का मुद्दा भी उठा। अधिकारियों ने बताया कि इन मजदूरों को मुक्त कराकर उनका पुनर्वास किया गया है और आगे भी ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर प्रभारी मंत्री ने एसपी को निर्देश दिए कि प्रमुख मार्गों पर वन वे व्यवस्था लागू की जाए और यातायात सुधारने के ठोस उपाय किए जाएं। इसके अलावा हर किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए, बिना वेरिफिकेशन कोई भी मकान मालिक किराया न दे।

ग्रीष्म में जल संकट पर भी चिंता धुलाई सेंटर होंगे बंद

गर्मी के चलते जिले में उत्पन्न हो रहे जल संकट पर मंत्री राजपूत ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि गाड़ियों के धुलाई सेंटरों को तत्काल बंद कराया जाए ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। साथ ही नगर पालिका द्वारा टैंकरों के जरिए जल आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु और समय पर सुनिश्चित किया जाए। खेतों में नरवाई जलाने की घटनाओं को लेकर उन्होंने कृषि विभाग को जागरूकता अभियान चलाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए। प्रभारी मंत्री ने पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देशित किया कि बिना हेलमेट वाले व्यक्तियों को पेट्रोल न दें और डिब्बे या बोतलों में पेट्रोल न बेचें। सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम आवश्यक बताया गया।

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बैठक के दौरान चांचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची ने मंदिर-मस्जिदों में लगाए जाने वाले कैमरों के डेटा के लिए क्लाउड स्टोरेज की व्यवस्था की बात रखी, जिस पर विधायक निधि और जनभागीदारी से फंड एकत्र करने का प्रस्ताव सामने आया। इसी बीच गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने चुटकी लेते हुए पूछा कि “हमने एम्बुलेंस के लिए जो पैसे दिए थे, वह अभी तक कहां हैं?”—इस पर हॉल में उपस्थित सभी लोग मुस्कुरा दिए। बैठकों में भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सिकरवार, चांचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची, जिला पंचायत अध्यक्ष अरविंद धाकड़, नगरपालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि सुमेर सिंह, कलेक्टर किशोर कन्याल, एसपी अंकित सोनी और जिले के अन्य अधिकारी एवं शांति समिति के सदस्य शामिल रहे

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