जीएसटी सुधार से लोगों पर से कर का बोझ होगा कम : निर्मला सीतारमण

चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में रविवार को व्यापार एवं उद्योग संघ की ओर से ‘उभरते भारत के लिए कर सुधार’ के नाम से आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों के लागू होने पर देश भर में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है और इसक सीधा प्रभाव भारत के एक सौ चालीस करोड़ नागरिकों पर पड़ेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी का लाभ देश के हर नागरिक को रोजमर्रा की हर चीज में मिलेगा। इसका असर लोगों को सुबह की चाय से लेकर रात के खाने और सोने तक देखने को मिलेगा। जीएसटी में किए गए सुधारों से लोगों पर कर का बोझ कम होगा। अब 99 प्रतिशत सामानों पर जीएसटी की दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। यह आम आदमी की जेब पर बोझ कम करने की दिशा में बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक समान कराधान सुनिश्चित करने के लिए 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले केवल 66 लाख व्यवसाय ही टैक्स प्रणाली में शामिल थे। लेकिन पिछले आठ वर्षों में यह संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई है। यह सरकार की पारदर्शी और सरल टैक्स नीति का नतीजा है। जीएसटी सुधारों के तहत वस्तुओं और सेवाओं के वर्गीकरण को सरल बनाया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर की श्रेणियां स्पष्ट और सरल हों, जिससे व्यापारियों और कारोबारियों में कोई भ्रम न फैले। साथ ही जीएसटी सुधारों के कारण अब कई उत्पादों की इनपुट लागत कम होगी। इससे कुल उत्पादन खर्च घटेगा और उपभोक्ताओं को भी कीमतों में राहत मिलेगी।

सीतारमण ने कहा कि देश के हर राज्य में अलग-अलग त्योहार होते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दीपावली से पहले जीएसटी सुधार लागू करने के निर्देश को ध्यान में रखते हुए, इन्हें पहले ही लागू करने का फैसला लिया गया है। नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी और इनका असर पूरे देश में महसूस किया जाएगा। यह सुधार न केवल टैक्स प्रणाली को सरल बनाएंगे, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ाएंगे और हर वर्ग को इसका फायदा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में घोषणा की थी कि इसमें कुछ सुधार किए जाएंगे। इसके बाद चार स्तरीय जीएसटी कर प्रणाली को घटाकर दो स्तरीय कर दिया गया। इसके अनुसार, 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत जीएसटी दर की श्रेणी हटा दिए गए हैं। 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत कर प्रणाली जारी रहेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी कर राज्यों के हितों को ध्यान में रखकर लगाया गया है। इससे राज्यों को बहुत लाभ होगा। हालांकि, कुछ लोग इसके लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा करने से कतराते हैं। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग भली-भांति जानते हैं कि केंद्र सरकार जनता की सरकार है।

उल्लेखनीय है कि शुरुआत में सभी वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार कर दरों के अंतर्गत समेकित किया गया था।

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