
पश्चिम बंगाल में हाल ही में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे और दंगा पीड़ितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे दौरा स्थगित करने का आग्रह किया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया।
राज्यपाल का बयान: पीड़ितों से मिलकर भेजेंगे रिपोर्ट
राज्यपाल बोस ने कहा, “मैं जमीनी सच्चाई जानने आया हूं। अस्पतालों, राहत शिविरों और पीड़ितों के घर जाकर जांच करूंगा। जो रिपोर्ट मुझे मिली हैं, उन्हें वेरिफाई कर रहा हूं।” उन्होंने संकेत दिया कि वे मुर्शिदाबाद भी जा सकते हैं, जहाँ हिंसा की शुरुआत हुई थी।
क्या है पूरा मामला?

11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के सूती, शमशेरगंज, जंगीपुर और धुलियान में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई, और सैकड़ों को घर छोड़ना पड़ा। अब तक पुलिस ने 274 लोगों को गिरफ्तार किया है।
NHRC और NCW भी एक्टिव मोड में
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मालदा में एक टीम भेजी है, जो मुर्शिदाबाद से भागे पीड़ितों से मिल रही है।
- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर भी मालदा और मुर्शिदाबाद के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने कहा, “हमें रिपोर्ट मिली हैं कि राहत शिविरों में महिलाओं के साथ भेदभाव हो रहा है।”
तृणमूल कांग्रेस बनाम बीजेपी: आरोप-प्रत्यारोप तेज
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राज्यपाल और केंद्रीय एजेंसियों के दौरे को राजनीतिक बताया। सांसद सौगत रॉय ने कहा, “राज्यपाल का दौरा माहौल को अस्थिर करने का प्रयास है। वे मुख्यमंत्री के आग्रह का सम्मान नहीं कर रहे।”
इस पर बीजेपी ने पलटवार किया। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “तृणमूल डर गई है क्योंकि दौरे से उनकी और दंगाइयों की मिलीभगत उजागर हो जाएगी। ये तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा है।”