
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 28 नवंबर को जारी उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें सभी स्मार्टफोन कंपनियों को अपने डिवाइस में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य किया गया था। आदेश में कहा गया था कि फोन से इस ऐप को हटाया भी नहीं जा सकेगा। इस फैसले ने देशभर में प्राइवेसी और यूजर फ़्रीडम को लेकर बहस खड़ी कर दी थी।
DoT ने पहले कंपनियों को 90 दिनों के अंदर इस नियम का पालन करने और 120 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा था। विरोध बढ़ने पर अब सरकार ने यह शर्त हटा दी है और ऐप को वैकल्पिक कर दिया है।
सरकार की दलील है कि लोग बिना किसी बाध्यता के ही इसे तेजी से अपना रहे हैं। पिछले 24 घंटों में ही 6 लाख नए यूजर्स जुड़े हैं, जबकि अब तक 1.4 करोड़ लोग यह ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। ऐप के जरिए रोजाना करीब 2,000 साइबर फ्रॉड मामलों की रिपोर्ट हो रही है।
सरकार के निर्देशों पर आपत्ति जताने वाली कंपनी Apple ने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया था। कंपनी का कहना था कि यह उसकी प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ है और वह बिना यूजर की मर्जी के कोई भी ऐप प्री-इंस्टॉल नहीं करती।
विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने साफ किया कि ऐप को अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक रूप से इस्तेमाल में लाया जाएगा। सरकार का दावा है कि इसकी बढ़ती लोकप्रियता ही इसका प्रमाण है।













