
New Delhi : देश में पिछले कुछ दिनों से विमानन क्षेत्र में उत्पन्न अव्यवस्था पर केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर किसन मोहोल ने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर इंडिगो एयरलाइन के प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
मंत्री मोहोल ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से मंजूर किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों को लागू करने में इंडिगो ने लापरवाही बरती, जिसके कारण संचालन प्रभावित हुआ और यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। अदालत के निर्देश के बाद एफडीटीएल में 10 घंटे की ड्यूटी अवधि को घटाकर 8 घंटे करने का आदेश दिया गया था।
मंत्री मोहोल ने बताया कि मंत्रालय ने एयरलाइंस को इसे दो चरणों, 01 जुलाई 2025 और 01 नवंबर 2025 में लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इंडिगो ने इसे गंभीरता से नहीं माना। इसके बाद हालात बिगड़ने पर मंत्रालय और डीजीसीए ने त्वरित एक्शन लेते हुए चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है और 24×7 नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।
सरकार ने एफडीटीएल लागू करने की समयसीमा फिलहाल फरवरी 2026 तक टाल दी है। वहीं, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो के सीईओ को शो-कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है।
मंत्री मोहोल ने कहा कि यात्रियों का गुस्सा वाजिब है और जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विमानन सेवाओं को जल्द सामान्य किया जाएगा।
इसी क्रम में सरकार ने एयरलाइन कंपनियों के अचानक बढ़े किरायों पर भी नियंत्रण लगाने के लिए नई किराया सूची जारी की है। जिन यात्रियों को इस संकट की वजह से परेशानी हुई है, उन्हें बिना किसी रद्द शुल्क के पूरा पैसा वापस किया जाएगा और यात्रियों का खोया सामान 48 घंटे के अंदर लौटाने का आदेश दिया गया है।















