
लॉक डाउन से प्रभावित श्रमिको के परिवारों को खाद्यान्न मुहैया करानाप्रदेश व केंद्र सरकार कटिबद्ध ,
सरोजनीनगर ।लखनऊ ।कोरो ना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत लागू लॉक डाउन से प्रभावित श्रमिक परीवारो को खाद्यान उपलब्ध कराने के लिये, प्रदेश एवम्
केँद्र की सरकार की ओर से समय समय पर कई घोषणाएँ की गई ।लेकिन स्थिति ज्यो की त्यों बनी हुई है ।
मालूम हो कि बीती 19-मार्च 2020 -को प्रदेश सरकार की ओर से जिला प्रशासन ने आपूर्ति विभाग और सभी एस डी एम को निर्देश दिये गए कि जिन लोगों के राशनकार्ड नहीं बन पाये है या फिर लंबित है,। तत्काल उनका निस्तारण कर इसी माह जारी कर राशन उपलब्ध कराया जाय ।
15-मई 2020 – को वित्त मन्त्री द्वारा 3-16 लाख करोड़ की योजनाओं का एलान “बिना किसी पहचान कार्ड या राशनकार्ड वाले गरीबों को अगले दो माह तक पाँच किलो अनाज प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार देने का एलान किया गया ।
15-मई-2020 – को ही कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के साथ ही सरकार के सामने लॉक डाउन के बीच जनता को मुसीबतों में राहत देने की भी चुनौती है। सभी श्रमिक कामगारों के राशनकार्ड बनाने और राशन मुहैय्या कराने के निर्देश दे चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिये,। जिसका संबंधित अधिकारी इसकी व्यवस्था बनाये कि प्रदेश के हर व्यक्ति को जरूरत के अनुसार खाद्यान जरूर मिले।
16-मई-2020 –को राजधानी में सात लाख कार्ड धारक हो गए है, हजारों लोग ऐसे है जिनके नाम सूची में दर्ज नहीं है, ऐसे लोगों को राशन दिलाने के लिये प्रशासन ने वंचित परिवार रजिस्टर तैयार कराया है,। ग्रामीण एरिया में एस डी एम और शहरी एरिया में नगर निगम की ओर से यह व्यवस्था की गयी है, वहीं जिनके पास राशनकार्ड है पूरे देश में अब कहीं से भी किसी दुकान से अपना राशन ले सकते है।
29-मई-2020.को आपका राशन आपका अधिकार–प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेत्रत्व में आत्म निर्भर भारत योजना के अन्तर्गत समस्त प्रवासी/अवरूद्ध प्रवासी जन को खाद्यान उपलब्ध कराने हेतु खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश की पहल पर प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी द्वारा गठित सर्वे टीम संबंधित जनपद में अवरूद्ध प्रवासियों का चिंहाकन कर अस्थाई राशन आई डी उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे वे आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत राशन प्राप्त कर सकेंगे, । इस हेतु जिलाधिकारी ,जिलाआपूर्ति अधिकारी ,एस डी एम ,पूर्ति निरीक्षक ,खण्ड विकास अधिकारी एवं नगर निकाय कार्यालय में संपर्क करें एवम् अपना मोबाइल, आधार तथा कोई अन्य पहचान पत्र उपलब्ध कराये,। राशनकार्ड लाभार्थियों का चिंहाकन कर उन्हें नये राशनकार्ड जारी किये जाय ।
सरोजनीनगर के त्रिमूर्तिनगर मुहल्ला निवासी सीनियर सिटीजन त्रिलोक सिंह कनवाल का कहना है कि सरकार द्वारा लॉक डाउन से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिये भिन्न भिन्न घोषणाएँ तो की जा रही है लेकिन उसकी प्रोपर मानिटरिंग नहीं होने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। त्रिलोक सिंह ने बताया कि त्रिमूर्तिनगर,कंचनपुरी एवं आसपास मुहल्लों में आवासित कुछ लोगों ने राशनकार्ड बनवाने हेतु आन लाइन अप्लाइ किया है, जो खाद्य एवं आपूर्ति कार्यालय में लंबित है,।
फलस्वरूप पात्रता धारक होने के बावजूद उन्हें राशन नहीं मिल रहा है, । कुछ आवेदकों द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत राशन तथा आई डी हेतु उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर,जिलाआपूर्ति कार्यालयों में अभ्यावेदन देने का प्रयास भी किया ।लेकिन स्वीकार नहीं किये गए। आवेदक बीनमती का कहना है कि वह जनपद हरदोई की मूल नीवासिनी है,। सरोजनीनगर के कंचनपुरी मुहल्ले में विगत कई वर्षों से किराये के मकान में रह रही है, । परिवार में चार सदस्य है। , पति की उपलब्धता पर दिहाडी मजदूरी करते है जो लॉक डाउन के बाद से ब्रेक हो गया है, । राशनकार्ड के लिये आन लाइन अप्लाइ किया है ।
जिसका आई डी नंबर 115741023245 है,। तहसील में भी आवेदन किया लेकिन न तो राशनकार्ड बना और न ही राशन ही मिल पाया है।,इसी प्रकार फूल चंद्र, हरदोई जनपद का मूल निवासी है, । सरोजनीनगर के त्रिमूर्ति नगर मुहल्ले में किराये के मकान में सपरिवार रहता है, । छः सदस्यों का परिवार है, । राशनकार्ड हेतु तहसील में आवेदन दिया जो स्वीकार नहीं हुआ,। लक्ष्मी,देवी बलरामपुर जनपद से है। शराफत नगर मुहल्ले में किराये के मकान में रहती है।, परिवार में सात सदस्य है। राशनकार्ड नहीं है । पति दिहाडी मजदूरी करते है ।
संदीप सिह, रजनी वर्मा, सुनीता सहित कई लोगो ने बताया कि राशनकार्ड के लिये आनलाइन अप्लाइ किया है ।लेकिन अभी तक नहीं बना। , कंट्रोल वाला सूची में नाम नहीं होने का तर्क देकर टाल देता है।
त्रिलोक सिंह कहते है कि सरकार की घोषणाओं की जानकारी समाचार पत्र व न्यूज चैनलों से हो जाती है लेकिन प्रशानिक तंत्र की शिथिलता के कारण क्षेत्रीय लोगों को वाँछित लाभ नहीं मिल पाता है। सीनियर सिटीजन एवं समाजसेवी भावना से जुड़ाव होने के कारण स्थानीय समस्याओं को जनहित के दृष्टिगत सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में लाने का प्रयास किया जा रहा है ।लेकिन सफलता बिलकुल न के बराबर मिलती है । फिर भी प्रयास यथावत जारी है।












