गोवर्धन : लखनऊ में बैठकर सरकार करेगी तीसरी आंख से मुड़िया मेला व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग

गोवर्धन। राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला की इस बार लखनऊ से सरकार मॉनिटरिंग करेगी। मुड़िया मेला को प्रयागराज महाकुंभ की तरह व्यवस्थित किया गया है। डीएम, एसएसपी स्वयं मेला कंट्रोल रूम, पीडब्लूडी गेस्ट हाउस से निगरानी करेंगे।

हाईलाइट्स :

  • 21 किमी गिरिराज परिक्रमा मार्ग में लगाए गए 350 सीसीटीवी कैमरे
  • पीए सिस्टम और सीसीटीवी कैमरा अपराधियों के लिए बनेगा काल
  • पीडब्लूड़ी गेस्ट हाउस मेला कंट्रोल रूम से डीएम एसएसपी करेंगे निगरानी

मुड़िया मेला में श्रद्धालु भक्तों की सुरक्षा में लापरवाही पर सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी तय होगी। परिक्रमा मार्ग पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अपराधियों के लिए काल सावित होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के दूत, शासन स्तर से मुड़िया मेला की व्यवस्थाओं को मॉनिटरिंग कर जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इसी वजह से जिला प्रशासन व्यवस्थाएं बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने के मूड़ में है।

गौरतलब है कि गोवर्धन में आयोजित सात दिवसीय मुड़िया मेला में आने वाले श्रद्धालु भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए 21 किमी परिक्रमा मार्ग को सीसीटीवी और पीए सिस्टम से जोड़ा गया है। कुल 350 सीसीटीवी परिक्रमा मार्ग पर लगाए गए हैं। पीडब्लूडी गेस्ट हाउस से इनका संचालन होगा।

डीएम चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार स्वयं निगरानी कर रहे हैं। कंट्रोल रूम के माध्यम से मेला की सूचनाओं का आदान-प्रदान शासन स्तर पर किया जाएगा। सीएम योगी के लखनऊ में बैठे दूत, डीएम चंद्र प्रकाश सिंह से व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं।

मेला क्षेत्र में आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए अपराधियों का काल

शुक्रवार से मुड़िया मेला शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में 10 एसपी, 22 सीओ, 200 इंस्पेक्टर और 2000 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। पूरा मेला क्षेत्र हाई क्वालिटी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। इस दौरान यदि कोई अराजक तत्व किसी भी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की कोशिश करता है, तो सीसीटीवी की निगरानी उसके लिए काल बन सकती है।

डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि गोवर्धन के राजकीय मुड़िया मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग पर 350 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। सरकार लखनऊ से मेला की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रही है। श्रद्धालुओं के सुगम आगमन और सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। इससे कोई समझौता नहीं होगा। यदि कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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