Gorakhpur : नगर आयुक्त ने किया कान्हा उपवन का निरीक्षण, गौवंश संरक्षण व शीतकालीन व्यवस्थाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश

  • सीएम ग्रिड फेज-1 व फेज-2 कार्यों की प्रगति का भी किया संयुक्त निरीक्षण

Gorakhpur : नगर निगम क्षेत्र में संचालित विकास कार्यों एवं पशु संरक्षण व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखने के उद्देश्य से नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल द्वारा शनिवार को महेवा स्थित कान्हा उपवन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने महानगर के विभिन्न स्थानों से प्रतिदिन पकड़कर लाए जा रहे सांड एवं गायों की संख्या, रखरखाव और उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

निरीक्षण में अवगत कराया गया कि कान्हा उपवन परिसर में जल निकासी की समस्या के समाधान हेतु बीते लगभग 20 दिनों से नाला निर्माण का कार्य प्रगति पर है। नगर आयुक्त महोदय ने कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ठंड के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए नगर आयुक्त ने गौवंश के लिए बने शेड की दीवारों को ऊँचा कराने तथा ठंड से बचाव के लिए चारों ओर पर्दा लगाए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कान्हा उपवन में अलाव की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए, ताकि ठंड से गौवंश को सुरक्षित रखा जा सके। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पशु संरक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

सीएम ग्रिड फेज-1 एवं फेज-2 कार्यों का संयुक्त निरीक्षण

इसी क्रम में नगर आयुक्त महोदय एवं मुख्य अभियंता महोदय द्वारा सीएम ग्रिड फेज-1 एवं फेज-2 के कार्यों का संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता तथा निर्धारित समय-सीमा की गहन समीक्षा की गई। नगर आयुक्त ने निर्देशित किया कि सीएम ग्रिड फेज-1 का कार्य फरवरी माह तक हर हाल में पूर्ण कराया जाए। वहीं सीएम ग्रिड फेज-2 के कार्यों को तीन अलग-अलग स्थानों से शीघ्र प्रारंभ कर सभी कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।

निरीक्षण के दौरान नाले के बेड लेवल को लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। नगर आयुक्त ने यूनिवर्सिटी चौराहा से गणेश चौक तथा गणेश चौक से विजय चौक तक नाले के बेड लेवल को दुरुस्त कराने एवं नाले के पानी को यूनिवर्सिटी चौराहा तक ले जाने हेतु आवश्यक कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

नगर आयुक्त महोदय ने अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट शब्दों में निर्देशित किया कि कार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए तथा नियमित निगरानी के साथ सभी परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाए।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें