
नई दिल्ली । डायबिटीज भीतर ही भीतर पूरे शरीर को खोखला कर देती है। ऊपर से महंगी दवाईयां आर्थिक रुप से कमर तोड़ देती है। इस तकलीफ से राहत मिलने वाली है। जो दवा 60 रुपए में मिलती थी वो अब 11 मार्च से मात्र 9 रुपए में उपलब्ध कराई जाएगी। महंगे दामों पर मिलने वाली ब्लॉकबस्टर दवा एम्पाग्लिफ्लोज़िन जल्द ही घरेलू दवा कंपनियां बेहद सस्ते दामों पर बेचेंगी। अब तक जिस दवा की कीमत 60 रुपये प्रति टैबलेट थी, वह 11 मार्च से केवल 9 रुपये में मिलेगी।
दरअसल 11 मार्च को जर्मन दवा कंपनी बोहरिंगर इंगेलहाइम का पेटेंट खत्म होने वाला है। इसके साथ ही भारतीय कंपनियां इसे अपने ब्रांड के तहत लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। इनमें मैनकाइंड फार्मा, टॉरेंट, अल्केम, डॉ रेड्डी और ल्यूपिन जैसी प्रमुख दवा निर्माता कंपनियां शामिल हैं। खास बात यह है कि मैनकाइंड फार्मा इस दवा को इनोवेटर कंपनी की मुकाबले 90 फीसदी कम दाम पर बेचने की तैयारी कर रहे हैं। मधुमेह और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे हृदय रोग और क्रॉनिक किडनी डिजीज के इलाज में इस दवा का उपयोग किया जाता है। भारत में 10.1 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और अधिकतर लोग अपनी जेब से दवा का खर्च वहन करते हैं। ऐसे में दवा की कीमत में यह बड़ी गिरावट मरीजों के लिए राहत लेकर आएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, एम्पाग्लिफ्लोज़िन का उपयोग हार्ट फेलियर को रोकने, किडनी की खराबी को धीमा करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसकी ऊंची कीमत के कारण अब तक यह सीमित मरीजों तक ही पहुंच पा रही थी। अब जब भारतीय कंपनियां इसे कम कीमत पर पेश कर रही हैं, तो यह लाखों लोगों के लिए एक वरदान साबित होगी। रिपोर्ट के अनुसार टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स पहले ही बोहरिंगर इंगेलहाइम की तीन ब्रांडेड एम्पाग्लिफ्लोज़िन दवाओं का अधिग्रहण कर चुकी है।