
Gonda : 2047 तक विकसित भारत में देवीपाटन मंडल को खुशहाल, सशक्त और समरस बनाने का लक्ष्य रखा गया, जहां बेटा, बेटी और बहू में समानता हो, स्वावलंबन, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति हो, और यहां की लड़कियां मंडलायुक्त बनकर इस कुर्सी को सुशोभित करें। यह विचार मंडलायुक्त देवीपाटन, शशिभूषण लाल सुशील ने मंडलायुक्त सभागार में आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।
चर्चा में चयनित बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। इसके बाद कन्या भोज का आयोजन मंडलायुक्त आवास पर किया गया। कैलाश वर्मा ने योजनाओं में भवन के उपयोग पर विचार रखे, अतुल श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार पर चर्चा की। अंचल श्रीवास्तव ने आपदा प्रबंधन पर कार्य करने की आवश्यकता बताई। जानकी शरण द्विवेदी ने पाश्चात्य संस्कृति और भारतीय संस्कृति के अंतर तथा विकास, विकासशील और विकसित भारत के लिए उपयुक्त परिवेश पर विचार व्यक्त किए। ओंकार पाठक ने स्वावलंबन पर जोर दिया।
अपर आयुक्त कमलेश चंद्र बाजपेई ने कहा, जहां चाह, वहां राह; अपना सुधार, देश का सुधार। जेडीसी राकेश पांडे ने कहा, जहां महिलाओं की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। मंडलीय आकांक्षा समिति की अध्यक्ष और मंडलायुक्त की पत्नी गरिमा भूषण ने कार्यक्रम की सराहना की और बालिकाओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर अपर आयुक्त मीनू राणा, डीआईओएस डॉ. रामचंद्र और अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
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