गोवा मुक्ति दिवस : 451 वर्षों तक रहा गोवा पर क्रूर पुर्तगाल का शासन, डॉ. लोहिया ने गोवा की आजादी की अलख जगाई

  • गोवा की आजादी में समाजवादियों का योगदान : राजेन्द्र चौधरी, मुख्य प्रवक्ता सपा

लखनऊ। पूरा देश गोवा मुक्ति आंदोलन को याद कर रहा है। गोवा की आजादी में समाजवादियों का बड़ा योगदान रहा है। इस मौके पर समाजवादी आंदोलन से जड़े रहे और सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी गोवा मुक्ति पर विस्तार से अपनी बात रखी है….उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की है कि गोवा में पीसफुल सोसायटी द्वारा 19 दिसम्बर 2025 को गोवा मुक्ति दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा….

गोवा पर क्रूर पुर्तगाल शासन 451 वर्षों तक रहा। पुर्तगाली शासन से गोवा, दमन और दीव को आजाद कराने का संघर्ष लम्बा चला जो 1940 से तेज हुआ। इस आंदोलन को गति देने जब प्रखर समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया ने 18 जून 1946 को मडगांव में एक बड़ी जनसभा को सम्बोधित किया। तब उनकी गिरफ्तारी के बाद जनता का जनाक्रोश फूट पड़ा। महात्मा गांधी जी ने अपने ‘हरिजन’ अखबार में लेख लिखकर डॉ. लोहिया की गिरफ्तारी की निंदा की। गोवा का मसला तब अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी चर्चा का विषय बन गया। डॉ. लोहिया ने गोवा की आजादी की जो अलख जगाई उसी का परिणाम है कि आज गोवावासी आजादी में सांस ले रहे हैं और कल का पुर्तगाली उपनिवेश आज भारत का अंग बन गया है। इस आजादी की लड़ाई में समाजवादी नेता मधुलिमये के संघर्ष को भी हम नमन करते हैं। उन्हें सालाजार की जेल में बहुत यातनाएं दी गई थीं।


गोवा की आजादी की लड़ाई में प्रारम्भिक हिचक के बाद भारत सरकार ने 1961 में सैन्य कार्यवाही का फैसला किया। ‘आपरेशन विजय 36 घंटे चला और 19 दिसम्बर 1961 को पुर्तगाली गवर्नर जनरल ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 19 दिसम्बर की तिथि का इस तरह ऐतिहासिक महत्व है जो यूरोपीय औपनिवेशिक शासन से भारत की पर्ण मुक्ति का प्रतीक है।


गोवा से समाजवादियों का पुराना रिश्ता रहा है। समाजवादी आंदोलन के महानायक डॉ. लोहिया को गोवा आंदोलन के दौरान गोवा में अरब सागर पर अगोड़ा-सेंट्रल जेल में जिस बैरक में गिरफ्तार कर रखा गया था वहां उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित है। दक्षिण गोवा में मरगाओ सेंट्रल स्क्वायर से 18 जून 1946 को गिरफ्तार कर उन्हें अगोड़ा जेल में बंद किया गया था। यहां जेल हेरिटेज ब्लाक में बंदी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची में लोहिया जी का नाम भी अंकित है। यहां आज भी देश के विभिन्न प्रांतों से लोग आकर श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।


अखिलेश यादव डॉ. राम मनोहर लोहिया के उसी रास्ते पर चल रहे हैं जो अन्याय के प्रतिकार, लोकतंत्र को बचाने तथा वंचितों को अधिकार दिलाने का रास्ता है। समाजवादी पार्टी लोहिया की विरासत को आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध है।


गोवा मुक्ति दिवस 19 दिसंबर 2023 के अवसर पर गांधीवादी, पश्चिमी घाट बचाओ आंदोलन के नेता कुमार कलानंद मणि के संयोजन में पीसफुल सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश के क्रम में गोवा मुक्ति दिवस पर राजेन्द्र चौधरी अगोड़ा सेंट्रल जेल का दौरा किया था। वहां स्थित जेल म्यूजियम में डॉ. राम मनोहर लोहिया की प्रतिमा एवं मडगांव के लोहिया मैदान में डॉ. राममनोहर लोहिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। लोहिया मैदान में प्रतिमा के समीप भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित शिलापट्ट, मनोहर राय सरदेसाई की कविता 18 जून और लोहिया मैदान का मंच समाजवादियों के गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है।


लोहिया मैदान में 18 जून 2023 को क्रांतिदिन समिति के कोषाध्यक्ष श्री विनायक मोडेडकर ने सम्मानित करते हुए डॉ० राममनोहर लोहिया से जुड़ी दुर्लभ जानकारियां साझा किया। विनायक के पिता मधुकर यशवंत मोडेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, उन्होंने डॉ० लोहिया के साथ गोवा मुक्ति संग्राम में संघर्ष किया था। मैं आज गोवा के मुक्ति दिवस पर पुनः गोवा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए इस आयोजन की सफलता की कामना करता हूं।

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