
अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब सिर्फ लुक्स, माइलेज या कीमत नहीं, बल्कि सुरक्षा भी आपके फैसले का हिस्सा बन सकती है। ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है—सभी नई कारों पर अनिवार्य सेफ्टी लेबलिंग लागू की जाए। इसका मकसद है ग्राहकों को कार की सुरक्षा रेटिंग की साफ और आसान जानकारी देना, ठीक वैसे ही जैसे फ्रिज या टीवी पर एनर्जी रेटिंग दी जाती है।
क्यों जरूरी है सेफ्टी लेबल?
आज के दौर में जब सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, तो कार की सुरक्षा कितनी अहम है, यह किसी से छिपा नहीं है। बहुत सारे लोग आज भी सिर्फ ब्रांड, डिजाइन या एवरेज देखकर गाड़ी खरीद लेते हैं, जबकि उन्हें यह जानकारी नहीं होती कि वह गाड़ी हादसे के वक्त कितनी सुरक्षित है। अगर कार पर सेफ्टी लेबल होगा, तो ग्राहक शोरूम में ही यह जान सकेगा कि वह जिस गाड़ी को खरीद रहा है, वह क्रैश टेस्ट में कितने स्टार पाती है।
ITF में पेश हुई खास रिपोर्ट
जर्मनी में हुए इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फोरम (ITF) में ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP ने मिलकर एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में दुनिया की सभी सरकारों से अपील की गई कि वे नई कारों पर सुरक्षा लेबल अनिवार्य करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी भी कई देश ऐसे हैं जहां कारें बिना जरूरी सुरक्षा मानकों के बेची जा रही हैं। इससे सड़क हादसों में जान-माल का नुकसान होता है जिसे रोका जा सकता है।
ग्राहकों को क्या फायदा मिलेगा?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो ग्राहकों को इन फायदों की उम्मीद है:
- शोरूम में ही गाड़ी की सेफ्टी रेटिंग की जानकारी मिल जाएगी।
- ग्राहक केवल लुक और माइलेज नहीं, सुरक्षा को भी प्राथमिकता देंगे।
- कमजोर सेफ्टी वाली कारों पर कंपनियों की जवाबदेही तय होगी।
- मौजूदा फ्यूल एफिशिएंसी लेबल के साथ इसे जोड़कर सरकार इस प्रणाली को आसानी से लागू कर सकती है।
क्यों उठी यह मांग?
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से अब तक दुनियाभर में दो अरब से ज्यादा वाहन बनाए जा चुके हैं, लेकिन कई कारें आज भी जरूरी सेफ्टी फीचर्स जैसे एयरबैग, एबीएस, क्रैश टेस्ट पासिंग आदि से लैस नहीं हैं। खासकर विकासशील देशों में, जहां सड़कें खराब और सुरक्षा कानून ढीले हैं, वहां यह खतरा और भी ज्यादा है।
विशेषज्ञों की राय
ग्लोबल NCAP के CEO रिचर्ड वुड्स का मानना है कि अगर सेफ्टी लेबलिंग अनिवार्य हो जाती है, तो ग्राहक ज्यादा जागरूक होंगे और ऑटोमोबाइल सेक्टर में सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी। वहीं, लैटिन NCAP के महासचिव अलेजांद्रो फुरास ने इसे एक ऐसा कदम बताया जो उपभोक्ताओं के सोचने और खरीदने के नजरिए को पूरी तरह बदल सकता है।
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