
गाजीपुर : मनिहारी ब्लॉक के हरिहरपुर गांव के तालाब में सात दिनों से महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा जल सत्याग्रह अब अनशन में बदल गया है।
समाजसेवी सिद्धार्थ राय ने कहा कि अब प्रतिदिन सुबह ग्यारह बजे से शाम छह बजे तक वह अनशन पर रहेंगे। जब तक हरिहरपुर गांव में निर्माणाधीन नाली का पानी गांव के साफ-सुथरे पोखरे में गिराने की योजना पर प्रशासन रोक नहीं लगा देता, तब तक यह अनशन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि तालाब में रहकर ग्रामीणों के साथ सत्याग्रह करते हुए सात दिन हो गए हैं। अब तक गांव के लोगों का आग्रह सुनने कोई भी अधिकारी नहीं आया है। सिद्धार्थ राय एवं ग्रामीणों ने संबंधित लोगों से मिलकर एवं रजिस्टर्ड डाक व ईमेल के माध्यम से भी शिकायतें भेजी हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सत्याग्रह स्थल पर नहीं आया और न ही किसी पत्राचार का जवाब मिला।
पोखरे में चल रहे इस अनोखे जल सत्याग्रह में सेवा कार्य भी चल रहे हैं। जल सत्याग्रह के दौरान भजन-कीर्तन, स्वास्थ्य शिविर, खेल प्रतियोगिता एवं प्रवचन का भी आयोजन किया जा रहा है। सत्याग्रह में आसपास के गांवों के लोग भी जुड़ने लगे हैं।
सिद्धार्थ राय का कहना है कि सत्याग्रह के माध्यम से ग्रामीणों की एक ही मांग है नाली निर्माण का विरोध नहीं है, लेकिन नाली से होकर जो गंदा पानी तालाब में गिरेगा, उससे साफ-सुथरे तालाब का जल दूषित होगा, बस इसका विरोध है। पहली अगस्त से यह सत्याग्रह अब दिन-रात अनशन में बदल जाएगा।
जिस देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है, उसी देश के एक छोटे से गांव हरिहरपुर में ग्रामीण स्वच्छता के लिए इतने दिनों से संघर्ष कर रहे हैं, पर आश्चर्य है कि कोई ग्रामीणों की सुधि लेने अब तक नहीं पहुंचा।
जल सत्याग्रह में नागेंद्र चौहान, दीपक चौहान, सत्यम चौहान, संजय राम, अमरेंद्र खरवार, सूरज, चंदन, राकेश कन्नौजिया, विजय, अखिलेश आदि सैकड़ों की संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे।
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