
गाजीपुर। वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार की दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के सचिवालय में बीस हजार रुपये रिश्वत लेते वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। करप्शन टीम ने पकड़े गये रिश्वतखोर वरिष्ठ सहायक को कोतवाली ले आयी। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता प्रेमानंद सिन्हा जो 30 जून को जिलाधिकारी कार्यालय से प्रधान सहायक के पद से सेवानिवत्त हुए थे।
वे वाराणसी एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचे और शिकायती प्रार्थना पत्र दिया कि महालेखाकार के आदेशित होने के बाद भी उनके जीपीएफ का पैसा नहीं मिला है। वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह से मिलने पर उन्होने जीपीएफ का पैसा निकालने के लिए चालीस हजार रुपये की मांग किया।अभिनव सिंह ने पहले बीस हजार रुपये और बाद बीस हजार रुपये मांगा है। शिकायतकर्ता के शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम के प्रभारी उमाशंकर सिंह टीम के साथ 18 जुलाई को गाजीपुर पहुंचे।
शिकायतकर्ता के साथ जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के सचिवालय में जैसे ही शिकायतकर्ता प्रेमानंद ने आरोपी अभिनव कुमार सिंह को बीस हजार रुपये रिश्वती नोट दिये। उसी दौरान एंटी करप्शन टीम ने मौके पर रिश्वती नोट के साथ वरिष्ठ सहायक अभिनव सिंह को गिरफ्तार कर लिया। रिश्वतखोर अभिनव सिंह के गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया। उसे देखने के लिए परिसर में लोगों की भीड़ लग गयी। एंटी करप्शन टीम ने आरोपी को कोतवाली ले आयी।
उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मजेदार बात तो यह है कि शिकायतकर्ता प्रेमानंद ने वरिष्ठ सहायक अभिवन सिंह को बताया था कि वह अभी 30 जून को ही इसी कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए है। कुछ तो रहम करिये महाराज। इस पर आरोपी ने चालीस हजार रुपये को दो किस्तों में देने की बात कही थी। इस मामले में मुख्य राजस्व अधिकारी आयुष चौधरी ने कहा कि सरकार के मंशा के अनुरुप यह कार्रवाई की गयी है। जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार के कार्यों में लिप्त पाया जायेगा। उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।जिससे कि आम लोगों का सरकार पर भरोसा बना रहे।










