
गाजियाबाद : हाईटेक जिला जेल मानी जाने वाली डासना जेल में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रशासन की नाकामी सामने आई। सोमवार को दो बंदियों की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों बंदियों की ढाई घंटे के अंतराल में मौत की सूचना मिलने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जेल प्रशासन ने बताया कि दोनों की तबीयत बिगड़ने पर तुरंत उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मौत के बाद दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं।
पहला बंदी
जानकारी के अनुसार, 27 वर्षीय वाजिद पुत्र जाकिर, निवासी शंकर विहार कॉलोनी खोड़ा को 20 नवम्बर 2024 को खोड़ा पुलिस द्वारा किसी मामले में जेल भेजा गया था। उसे सांस लेने में परेशानी थी और जेल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। सोमवार को करीब 02:10 बजे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उसे 02:30 बजे संयुक्त चिकित्सालय संजय नगर, गाजियाबाद में भर्ती कराया गया। कुछ समय बाद 03:00 बजे उसकी मौत हो गई।
दूसरा बंदी
60 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र महेंद्र, निवासी लोनी बॉर्डर, को 20 जुलाई 2025 को किसी मुकदमे में जेल भेजा गया था। वह अस्थमा से ग्रस्त थे और उनका इलाज भी जेल अस्पताल में चल रहा था। सोमवार को उनकी तबीयत 12:45 बजे अचानक बिगड़ी और उन्हें 01:05 बजे जिला संयुक्त चिकित्सालय गाजियाबाद में भर्ती कराया गया। वहां 01:50 बजे उनकी मौत हो गई।
दोनों की मौत ढाई घंटे के अंतराल में हुई, जिससे जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जेल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी प्रभावी हैं। हालांकि दोनों बंदियों में से एक की उम्र 27 वर्ष और दूसरे की उम्र 60 वर्ष थी।
जेल प्रशासन का बयान
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि दोनों बंदियों का इलाज जेल अस्पताल में चल रहा था। अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें नियम के अनुसार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं और मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों और जिला प्रशासन को दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का स्पष्ट कारण सामने आएगा।
ये भी पढ़ें: गाजीपुर : डंपर ने बाइक सवार पिता-पुत्र को कुचला, दोनों की मौत
बस्ती : महुलानी गांव के विकास कार्यों में गोलमाल, जांच पूरी, कार्यवाही की तैयारी