
- डॉक्टर की कमी से जूझता डासना सरकारी हॉस्पिटल
- डॉक्टरों की तैनाती को लेकर जूझ रहा डासना का सीएचसी
- इमरजेंसी में ने एक भी डॉक्टर की तैनाती नही
- टेम्परेरी डॉक्टरों से चलाया जा रहा काम
- मेडिकल को आने वाले मरीज परेशान
- दो थाने और एक कस्बा व दर्जनों गांव के लोग आते है इलाज कराने
- हॉस्पिटल में फिजिशियन, सिजेरियन और ईएमओ की कमी
गाजियाबाद। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वस्थ रहे प्रदेश निवासी की पहल के बाद जिस तरह स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है। वही डासना के सीएचसी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझता हुआ नजर आया है। अस्पताल में जहां सिजेरियन की कमी है तो वही इमरजेंसी में डॉक्टरों की कमी से मरीज काफी परेशान व हताश नजर आए हैं।
इमरजेंसी में नही है कोई ईएमओ
जानकारी के अनुसार बता दे की डासना सीएससी अस्पताल के अंतर्गत आने वाले एक दर्जन से अधिक गांव कस्बा और दो थाने भी आते हैं। जहां के लोग अपना इलाज कराने के लिए सीएससी अस्पताल पहुंचते हैं। हालांकि थाने से मेडिकल के लिए बंदियो को अस्पताल लाया जाता है। मगर डॉक्टरों की कमी के कारण मिनट के काम घंटे में नजर आते हैं। वही इमरजेंसी में डॉक्टरों की व्यवस्था न होने से मरीजो को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी-कभी तो हॉस्पिटल में मरीज के आ जाने के बाद फार्मासिस्ट या खुद सीएमएस को इमरजेंसी में ओपीडी लगानी पड़ती है, यानी कि कहीं ना कहीं डॉक्टरों की कमी से जुझता हुआ सीएससी अस्पताल मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की हवा निकाल रहा है।
इमरजेंसी में मरीज परेशान, नही कोई डॉक्टर
इमरजेंसी में इलाज कराने आई पूठी निवासी महिला राजवती और म्यूरविहार निवासी सुरेश ने बताया कि वह जब इमरजेंसी में पहुंचे तो वहां पर कोई नहीं था जैसे तैसे एक वार्ड बॉय आया और उसने डॉक्टर को सूचना दी और वह उल्टी दस्त से परेशान थे। ड्रिप लगाने के लिए भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। फार्मासिस्ट पहुंचे और फार्मासिस्ट द्वारा उनका इलाज किया गया, यानी कि कहीं ना कहीं डॉक्टरों की कमी से जूझता हुआ हॉस्पिटल अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है।
ओपीडी व इमरजेंसी में डॉक्टर की कमी
सीएचसी प्रभारी डॉक्टर श्रीमती प्राची ने बताया कि इमरजेंसी में कोई स्थायी डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। मुझे या कभी-कभी ओपीडी से डॉक्टरों की व्यवस्था की जाती है। हालांकि अस्पताल में काफी समय से फिजिशियन की कमी दिखाई दे रही है। इस मामले में उच्च स्तर पर भी लिखा गया है पर व्यवस्था नहीं हो पा रही है। बाहर से आने वाले मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए जो हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं उनसे ही कार्य चलाया जा रहा है। फिलहाल इमरजेंसी में डॉक्टरों की व्यवस्था को बनाने का कार्य उच्च अधिकारियों को करना चाहिए, काफी समय से डॉक्टर की तैनाती भी नहीं है। मगर जितनी व्यवस्था है उनका ध्यान रखते हुए किसी मरीज को कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही। ओपीडी में तैनात डॉक्टर से और खुद इमरजेंसी में इलाज के लिए आए लोगों का इलाज किया जा रहा है। गंभीर पेशेंट आने पर उन्हें गाजियाबाद रेफर किया जाता है।










