गाजियाबाद : गैस एजेंसी देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार

गाजियाबाद। अगर आप भी गैस एजेंसी लेने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके लिए खास मायने रखती है। क्योंकि कुछ ऐसे गैंग सक्रिय है जो गैस एजेंसी देने के नाम पर लोगों को ठगने का धंधा कर रहे हैं। बाकायदा आवंटन पत्र देने के साथ-साथ वेरिफिकेशन और पैसे भी अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते हैं और बाद में आवंटन पत्र फर्जी पाया जाता है। इसी तरह के मामले का साइबर सेल ने खुलासा करते हुए चार बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है।

साइबर क्राइम पुलिस द्वारा विभिन्न गैस कम्पनियों के प्रतिनिधि के रूप में कॉल कर गैस एजेन्सी देने के नाम पर गैस एजेन्सी आवंटन लेटर बनाकर तथा जॉब दिलाने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग के चार सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। जिनके कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 06 चेकबुक, 01 पासबुक, 08 एटीएम कार्ड, फर्जी 337 गैस एजेन्सी आवंटन लेटर, होण्डा अमेज कार बरामद की गई है। 30 लाख रुपये की साइबर ठगी की घटनाओं से सम्बन्धित 7 राज्यों की 11 घटनाओं का खुलासा हुआ है।

एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर क्राइम द्वारा रिलायंस गैस, इण्डियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम तथा भारत पेट्रोलियम गैस कम्पनियों के प्रतिनिधि के रूप में लोगों को कॉल कर गैस एजेन्सी देने के नाम पर फर्जी गैस एजेन्सी आवंटन लेटर बनाकर तथा लोगों को जॉब दिलाने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग के सदस्य राहुल यादव, शुभम सिंह चौहान, रविन्द्र कुमार और हेमेन्द्र को साइबर अपराध में इस्तेमाल 11 मोबाइल फोन, 06 चेकबुक, 01 पासबुक, 08 एटीएम कार्ड, फर्जी 337 गैस एजेन्सी आवंटन लेटर, होण्डा अमेज कार के साथ थाना क्षेत्र विजय नगर से गिरफ्तार किया गया। साइबर ठगी की 7 राज्यों की 11 घटनाओं का खुलासा किया गया है।

दर्जनों लोगों के साथ कि थी ठगी

अभियुक्तों ने चंडीगढ़ के विश्वानंद, राजस्थान के राजकुमार मीणा, केरल के फाजिल करीम, अनूप केवी, तमिलनाडु के विबिन देवा, बालासुब्रमण्यम आर और आदिल, तेलंगाना के गुंटुका रघुवीर, हनुमंत राव, महाराष्ट्र के प्रभाकर भीमराव इंगल तथा गुजरात के महेरा के साथ साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया है।

ठगों ने पूछताछ पर बताया कि वो लोग प्राइवेट जॉब करते थे तथा अधिक पैसा कमाना चाहते थे। इसलिए लोगों को कॉल कर उनके साथ साइबर धोखाधड़ी करने लगे। कस्टमर का डाटा प्राप्त कर फर्जी आईडी की सिम से लोगों को कॉल कर उन्हें जॉब दिलाने तथा विभिन्न गैस कम्पनियों के प्रतिनिधि बनकर उन्हें कॉल कर गैस एजेन्सी दिलाने के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करते थे। राहुल यादव और शुभम सिंह चौहान ने मिलकर हेमेन्द्र और रविन्द्र को काफी पैसा मिलने का लालच देकर अपने साथ शामिल किया था। रविन्द्र का काम इस साइबर धोखाधड़ी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराना था। रविन्द्र धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी आइडी की सिम की व्यवस्था करता था। क्यूकर एप के माध्यम से प्राप्त डाटा से लोगों के नम्बर निकाल कर उन्हें जॉब दिलाने के लिए उनसे पैसे लेते थे।

देश के सात राज्य के लोगो के साथ धोखाधड़ी

बदमाशों ने दक्षिण भारत के लोगों को खास तौर से टार्गेट करते थे। पूछने पर बताया कि उत्तरी भारत के लोग कॉल करने पर पैसे नहीं जमा कराते थे। जबकि दक्षिण भारत के लोग आसानी से ठगी का शिकार हो जाते है। शुभम चौहान ने बताया कि वो कस्टमर का डाटा क्यूकर के माध्यम से लेता था। सोशल मीडिया से प्रोफेशनल लोगों की फोटो डाउनलोड कर अपने व्हाट्सएप पर उन की फोटो डीपी में लगाकर लोगों को विश्वास में लेते थे। इनमें से शुभम चौहान प्रतीक अग्रवाल बनकर तथा राहुल यादव सुभाष चन्द्रा बनकर लोगों को विभिन्न गैस कम्पनियों की गैस एजेन्सी दिलाने के नाम पर फोन करते थे।

लोगों से गैस एजेन्सी आवंटन फार्म भरवाकर पैसे जमा करवाकर फर्जी गैस एजेन्सी आवंटन लेटर बनाकर व्हाट्सएप पर भेजते थे। ये लोग लोगों को विश्वास दिलाने के लिए सरकार द्वारा संचालित https://www.lpgvitarakchayan.in वेबसाइट के फोटो भी उन्हें शेयर करते थे। इन अभियुक्तों के मोबाइल में तथा व्हाट्सएप चैट में विभिन्न गैस एजेन्सी रिलायंस गैसहिन्दुस्तान पेट्रोलियम तथा इण्डियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम के गैस एजेन्सीआवंटन के फर्जी व कूटरचित अनुमोदन लैटर की पीडीएफ मिली है।

सभी पेट्रोलियम कम्पनी के लेटर हेड बरामद

अभियुक्तों ने रिलायंस गैस हिन्दुस्तान पेट्रोलियम तथा भारत पेट्रोलियम, इण्डियन ऑयल, गैस कंपनियों की एजेन्सी देने के नाम पर 700 से अधिक कूटरचित गैस एजेन्सी आवंटन लेटर बनाकर साइबर फ्रॉड करना स्वीकार किया है। इन अभियुक्तों से बरामद साक्ष्य के आधार पर 07 राज्यों के निम्नलिखित 11 लोगों से साइबर अपराध की घटनाओं का खुलासा हुआ है।

ठगी के शिकार लोग

  • विश्वानंद सेक्टर-36 चंडीगढ़ के साथ गैस एजेन्सी आवंटन के नाम पर 3100 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • राजकुमार मीना नागौरं राजस्थान के साथ गैस एजेन्सी आवंटन के नाम पर 7,89,725 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • फ़ाज़िल करीम केरल जॉब के नाम पर 1150 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • अनूप के. वी कुर्नाकुलम श्रिचूर सिटी केरल के साथ जॉब फ्रॉड के नाम पर तीन बार में कुल 12,12,982 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई।
  • विबिन देवा थूथुकुडी दक्षिण तमिलनाडु जॉब के नाम पर 20,650 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी
  • गुंटुका रघुवीर कोरुतला तेलंगाना के साथ गैस एजेन्सी आवंटन के नाम पर 15,500 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • प्रभाकर भीमराव इंगले खामगांव ग्रामीण गुलधाना महाराष्ट्र के साथ भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की गैस एजेन्सी आवंटन के नाम पर 9,43,200 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • हनुमंत राव चत्रिनाका हैदराबाद तेलंगाना के साथ गैस एजेंसी आवंटन के नाम पर 15,500 रुपये की साइबर फ्रॉड की घटना हुई थी।
  • बालासुब्रमण्यम आर चेन्नई तमिलनाडु ओएमजीसी अधिकारी द्वारा उनके ऑफिस में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे व्यक्ति के साथ हुई साइबर फ्रॉड की घटना दर्ज कराई गयी।
  • सिनोज के नामक व्यक्ति से 9,500 रुपये नौकरी के नाम पर जमा कराये गये थे। 65,300 रुपये और जमा कराने के लिए कहा गया था जो कि उसने तस्दीक करने के उपरान्त जमा करने के लिए कहा था। जब ज्वाइन करने पहुंचा तब उसे साइबर फ्रॉड का पता चला।

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