गाज़ियाबाद : राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन ने जेल व्यवस्था को सराहा

गाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जिला जेल डासना का राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जहां जेल प्रशासन की जमकर प्रशंसा की, वहीं जेल की व्यवस्थाओं से प्रभावित होकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी जेल को सुधारगृह के रूप में एक बेहतरीन उदाहरण बताया।उन्होंने लिखा कि डासना जेल की साफ-सफाई, सुरक्षा और सुधारात्मक गतिविधियाँ सराहनीय हैं और यह अन्य जेलों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है।

जेल की व्यवस्थाओं से बेहद प्रभावित हुईं चेयरमैन
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने जेल निरीक्षण के दौरान डासना जेल की व्यवस्थाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह जेल अब पारंपरिक जेल न होकर, एक सुधारगृह के रूप में कार्य कर रही है। निरीक्षण के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा कि डासना जेल की व्यवस्था अन्य जेलों के लिए प्रेरणास्पद उदाहरण है और यह एक अच्छे सुधार गृह के तौर पर देखा जा सकता है।

उन्होंने बाकायदा सोशल मीडिया पर लिखा की जेल की व्यवस्था और बंदियां के मानव अधिकार की जिस तरह जेल में बेहतर कार्य हो रहे हैं। उससे व्यवस्था भी सुधर रही है और बंदी भी सुधार कर अपने आप को बेहतर करने का कार्य कर रहे हैं। जहां उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। वही बंदी काफी ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं। जेल की व्यवस्था से प्रभावित होते हुए उन्होंने कहा कि जेल अब जेल नहीं सुधार ग्रह है जो जाने अनजाने में गलती बंदी कर लेते हैं। अपने किए का पश्चाताप करते हुए खुद को सुधारते हुए आत्मनिर्भर बनने का कार्य कर रहे हैं।

जेल में व्यवस्था को किया गया बेहतर

जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने दैनिक भास्कर संवाददाता एमजे चौधरी से बातचीत के दौरान बताया कि शासन के आदेश उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशन में जेल में बंदियो को बेहतर से बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है और उन्हें मानव अधिकार के अंतर्गत जानकारी से भी अवगत कराने का कार्य किया जा रहा है। जो बंदी अपने आप को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। जहां जेल में शिक्षा से लेकर कढ़ाई बुनाई सिलाई, डांसिंग, कंप्यूटर, आर्ट, सिंगिंग जैसी शिक्षा भी सिखाई जा रही है।

वहीं उन्हें बाहर की दुनिया में जाने के बाद दुनिया में कैसे ढ़लना है और कैसे व्यवहार करना है। इसको लेकर भी मोटिवेट किया जा रहा है और इसी से प्रभावित होकर राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन द्वारा जेल प्रशासन और शासन की जमकर प्रशंसा भी की गई है। हालांकि यह कार्य किसी एक के द्वारा नहीं किया जा सकता । सभी के द्वारा प्रयासों से आज बंदी खुद को बेहतर महसूस कर रहे हैं।

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