
- पूर्व विधायक असलम चौधरी के पुत्र पर हुआ मुकदमा दर्ज
- दो नामजद सहित आठ दस अज्ञात पर मुकदमा दर्ज
- जमीनी विवाद को लेकर हुआ मुकदमा दर्ज
- 2022 के विवाद में हुआ मुकदमा
गाजियाबाद। धौलाना के पूर्व विधायक असलम चौधरी के पुत्र पर जमीनी विवाद को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसमें पीड़ित द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक के पुत्र सहित दो नामजद एवं 8-10 अज्ञात के खिलाफ मसूरी थाने में मुकदमा दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई गई है। जानकारी के अनुसार पीड़ित राजा दीवान उर्फ आदिल यामीन निवासी मसुरी ने पुलिस उच्च अधिकारियों को शिकायत देकर गम्भीर अरोप है कि ग्राम मसूरी की भूमि खसरा नंबर 838 व 840 का प्रार्थी व परिवार पुश्तैनी मालिक व काबिज है, इस भूमि पर परिवार द्वारा पिछले काफी समय से दीवान एनक्लेव नाम से कलोनी बसाई जा रही है।
फर्जीवाड़े के तहत जमीन कब्जाने का मामला
आरोप है कि धौलाना विधानसभा के पूर्व बसपा विधायक असलम चौधरी व इसके बेटे शाहनवाज व बिलाल जो भूमाफिया व क्रिमिनल किस्म के लोग है तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने में माहिर है। ये लोग गैंग बनाकर लोगो की जमीनों पर कब्जा करने का कार्य करते हैं। असलम चौधरी, शाहनवाज व इसके गैंग के अन्य सदस्यों के विरुद्ध विभिन्न थानों पर अनेको मुकदमे पंजीकृत है। असलम चौधरी धाना मसूरी से हिस्ट्रीशीटर है। जिनकी हिस्ट्रीशीट संख्या 68A है व शाहनवाज पर भी कई मुकदमे दर्ज है । ये लोग परिवार को असहाय समझकर हमारा लगातार उत्पीड़न करते चले आ रहे है। ताकि हमें डराकर हमारी पुश्तैनी भूमि पर कब्जा कर सके। इसके गैंग के अन्य लोगों ने अवैध, आर्थिक व भौतिक लाभ अर्जित करने के लिए जमीन से संबंधित फर्जी कागजात बनाए हुए है। ये लोग आम जनता में ये दिखाना चाहते है कि इनकी पुश्तैनी भूमि का स्वयं को मालिक बताकर जमीन को बिना किसी अधिकार के फर्जी तरीके से प्लॉट के रूप में बेचते चले जा रहे हैं। इन लोगो ने आम जनता से पैसे हड़पकर उन्हें फर्जी रसीदें बनाकर दी हुई है ।
फैंसला नामा भी फर्जी बनाने का आरोप
आरोप है कि हमारे पिता स्वर्गीय डक्टर यामीन चौधरी व बहनोई अकिल अहमद के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर प्राथी के परिवार की भूमि के संबंध में एक फैसला नामा भी कूट रचना की हुई है। उसका इस्तेमाल कर जमीन का स्वयं को मालिक बताकर आम जनता से पैसे हड़प रहे है और जमीन को विवादास्पद बना रहे हैं। झूठे मुकदमों में जेल भिजवाने तथा जान से मारने का डर दिखाकर मेरे व मेरे परिवार पर अनुचित दबाव बना रहे हैं। जमीन को सुपर्द कर देने की धमकी दे रहे है। एवं झूठी घटनाएं दिखाकर हमारे खिलाफ शिकायत करते रहते हैं। 4 दिसम्बर 2022 समय सुबह 7 बजे इसरार पुत्र शमशाद निवासी उस्मान गड़ी डासना और शाहनवाज व 8-10 अन्य अज्ञात बदमाशों की मौजूदगी में अवैध हत्यारों से लैस होकर जमीन के एक हिस्से को पक्का निर्माण के द्वारा घेर रहे थे। जिसकी सूचना पाते ही मेरे दुवारा 112 नंबर की पुलिस व अन्य लोगों को लेकर मौके पर पहुंचा तो इसरार के अलावा अन्य सभी लोग मौके से भाग गए।
कब्जा करने वाले से ले लिए पैसे
अरोप है कि मौके पर इसरार ने बताया कि इस जमीन का मालिक शाहनवाज है उसने शाहनवाज को इस प्लॉट की बाबत 4 लाख रुपए दिए हुए हैं। ये लोग मेरे पक्ष में बैनामा नहीं कर रहे है। मैंने तकाजा किया तो ये लोग इस प्लट पर मुझे आज कब्जा दिलवाने अपने साथ लाए थे। इस घटना की वीडियो रिकर्डिंग भी मौजूद है। फर्जी व धनराशि प्राप्ति रसीदे ओर फर्जी फैसलेनामे की कूट रचना वाले शाहनवाज व 8-10 अन्य अज्ञात अपराधियों ने सक्रिय/मुख्य भूमिका निभाई है और अभिलेखों से सदोष लाभ अर्जित किया है और वर्तमान में भी कर रहे हैं। इस सपूर्ण घटना की थाना मसूरी को लिखित शिकायत दे चुका है किन्तु कोई करवाई नहीं हुई है। अरोप है कि अभिलेखों को उनके कब्जे से बरामद कर उन्हें नष्ट/निष्क्रिय करे और गैंग के लोगों को जमीन पर कब्जा करने से रोके तथा परिवार की जान व माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
पूर्व विधायक असलम चौधरी ने मुकदमे की बाबत जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पुत्र पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और किसी भी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है। इनके द्वारा पूर्व में फैसला नामा लिखा गया था, जो हमारे पास मौजूद है। जबकि हमारे काफी पैसे उनके पास मौजूद हैं और यह रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं और पैसे को हड़पने के उद्देश्य से इन लोगों द्वारा षड्यंत्र रचकर इस तरह के मुकदमे दर्ज कराकर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और पुलिस प्रशासन को हम जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। पहले भी इन लोगों द्वारा फर्जी तरीके से मुकदमे लिखवाए गए हैं और दबाव बनाने के उद्देश्य से ही जिससे कि यह लोग पैसे को हड़प सके। मुकदमे दर्ज कराकर दबाव बनाने का कार्य कर रहे हैं। मेरे और मेरे पुत्र पर इन लोगो ने षड्यंत्र रचकर पहले भी मुकदमे दर्ज कराए है। मुकदमे दर्ज कराने का मकसद सिर्फ पैसे न देकर हड़पने का प्लान है।