Gautam Buddha Nagar : व्यापारियों से रंगदारी मांगने के मामले में STF ने वांछित अपराधी को किया गिरफ्तार

Gautam Buddha Nagar : उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट की टीम ने दिल्ली-एनसीआर के कारोबारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें कर उनसे रंगदारी मांगने के मामले में फरार एक आरोपी राजीव शर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके तीन साथियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। नोएडा के सेक्टर-12 में रहने वाले राजीव की गिरफ्तारी दिल्ली के पहाड़गंज स्थित होटल से हुई।

अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बीते दिनों सूचना मिली थी कि दिल्ली-एनसीआर में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो उद्यमियों को निशाना बनाकर उनके खिलाफ विभिन्न विभागों में झूठी शिकायतें करता है। शिकायत के आधार पर ही खबरें प्रसारित करवाता है। ऐसा कारोबारियों को परेशान करने और उनकी छवि धूमिल करने के लिए किया जाता है। राहत देने के नाम कारोबारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी जाती है। पूरी जानकारी और सूचना एकत्र करने के बाद टीम ने बीते दिनों दिल्ली के दरियागंज निवासी अंकुर गुप्ता, सराय रोहिला निवासी हरनाम धवन और शास्त्रीनगर निवासी नरेंद्र धवन को गिरफ्तार किया थी। तीनों से पूछताछ करने पर पता चला कि गिरोह में उसका एक अन्य साथी राजीव शर्मा भी शामिल है। रंगदारी मांगने में उसकी बराबर की भूमिका है।

एसटीएफ की टीम को शुक्रवार को वांछित आरोपी राजीव के बारे में इनपुट मिला। इसके बाद घेरेबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसका मोबाइल भी अब पुलिस के कब्जे में है। पूछताछ में उसने कई अहम जानकारी टीम को दी है। उसने अपने कुछ अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं। टीम अब अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी करने का प्रयास कर रही है। राजीव और उसके साथी अबतक 20 से अधिक बिल्डरों और कारोबारियों से रंगदारी मांग चुके हैं। बीते दिनों आरोपियों ने एक बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। बिल्डर ने जब इतनी रकम देने में असमर्थता जाहिर की तो आरोपी पांच करोड़ रुपये पर आ गए। दबाव में आकर बिल्डर ने कुछ रकम दे भी दी थी।

इस संबंध में गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में केस भी दर्ज हुआ था। आरोपियों ने निशाने पर इन दिनों करोलबाग में यूनिटी ग्रुप की ओर से बनाए जा रहे द अमरायल, गाजियाबाद इंद्रापुरम में शिप्रा एवं साया बिल्डर तथा इंदिरापुरम के ही हारमनी बिल्डर थे। चिन्हित बिल्डरों के प्रोजेक्ट के खिलाफ आरोपियों ने जीडीए , रेरा, ईडी , ईओडब्लयू और इनकम टैक्स समेत अन्य विभागों में अनर्गल शिकायतें की और इसे ही आधार बनाकर रंगदारी मांगी जा रही थी। यही नहीं कुछ व्यक्तिगत मकानों और दुकानों के खिलाफ भी शिकायतें कर आरोपियों ने उनके स्वामियों से रकम वसूली।

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