
जम्मू-कश्मीर। चिनाब नदी पर बने एक और बांध का गेट खोला गया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने सलाल डैम का एक और गेट खोल दिया गया है, जिसका वीडियो सामने आया है। यह कदम उस समय उठाया गया है, जब भारत ने चिनाब नदी पर बने अन्य बांधों के गेट भी खोलने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले बगलिहार बांध के कई गेट खोल दिए गए थे। बता दें कि हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया था।
सलाल डैम का एक और गेट खुला
भारत ने चिनाब नदी पर बने एक और बांध का गेट खोलने के साथ ही नदी का जलस्तर नियंत्रित करने का कदम उठाया है। इससे पहले, भारत ने बगलिहार डैम और सलाल डैम के कई गेट खोलकर पानी का प्रवाह बढ़ाया था। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई भारी बारिश के कारण इन डैमों का जलस्तर बढ़ गया था। इस वजह से, रामबन जिले में चिनाब नदी पर बने बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के बांध के दो गेट और रियासी के सलाल बांध के तीन गेट खोल दिए गए थे। इन कदमों का मकसद नदी के जलस्तर को नियंत्रित करना और संभावित बाढ़ से निपटना था।
इससे पहले, भारत ने सबसे पहले सिंधु नदी पर बने बांध को बंद किया था। यह कदम पलभर में ही उठाया गया था, जब भारत ने आतंकवादी हमले के बाद तुरंत ही सिंधु जल समझौते को खत्म करने का फैसला किया। विश्व बैंक द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो 1960 में भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच हुए थे। इस संधि के तहत, सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी पश्चिमी नदियों का जल अधिकार पाकिस्तान को मिला था, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज जैसी पूर्वी नदियों का जल अधिकार भारत को था।
सिंधु जल समझौते में बदलाव के कारण, भारत ने इन नदियों के जल प्रवाह को अपने नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए हैं। खासकर पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद, भारत ने तत्काल प्रभाव से सिंधु नदी पर बने बांध को बंद कर दिया था, और इस संधि को खत्म कर दिया था। इन घटनाओं के चलते क्षेत्र में जल संसाधनों और सुरक्षा को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। आगामी दिनों में इन कदमों का क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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