कुशीनगर में फर्जीवाड़ा उजागर : अभिलेख में मान्यता प्राप्त मदरसा, गांव में अस्तित्व ही नहीं, एक मान्यता पर संचालित मिले चार अवैध विद्यालय

  • बीईओ फाजिलनगर की जाँच में फर्जीवाड़ा उजागर

तुर्कपट्टी, कुशीनगर। फाजिलनगर के बीईओ द्वारा शिकायतों की फाजिलनगर व कसया ब्लाकों में संचालित विद्यालयों की जब जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। जिनमें एनसीआरटी बोर्ड के नाम पर संचालित कुछ विद्यालयों की मान्यता किसी मदरसा की है।जांच के दौरान बीईओ चकित रह गये जब पता चला कि संचालित मदरसा का तो सम्बंधित गाँव में अस्तित्व ही नहीं है।

बता दें कि मंगलवार को बीईओ विजयपाल नारायण त्रिपाठी विकासखण्ड कसया के ग्राम कुरमौटा पहुँचे। जहाँ बिना मान्यता के संचालित डा0 अम्बेडकर प्राथमिक विद्यालय को बन्द कराया।दूसरे दिन बुधवार को वह सपहा में संचालित एक अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में पहुँचे। मान्यता का कागज माँगने पर विद्यालय के प्रबन्धक और प्रधानाचार्य ने उन्हें नजबुननेशा गर्ल्स स्कूल सपहा के नाम पर जारी मान्यता की कापी दी।

मान्यता की कापी देखते ही उनको कुछ याद आया कि बीते 30अप्रैल 2010 को क्रमांक 95 पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा जारी मान्यता आदेश वाला यही प्रति जाँच के दौरान उनको एक दिन पूर्व फाजिलनगर विकासखण्ड के ग्राम महासोन स्थित एक निजी विद्यालय द्वारा भी दिखाया गया था।जारी मान्यता के क्रमांक संख्या 95 पर 30अप्रैल 2010 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी एक समान दोनों मान्यता प्रमाण-पत्रों में असली कौन है इसको लेकर असमंजस में फँसे बीईओ को तब और आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब पता चला कि नजबुननेशा गर्ल्स स्कूल महासोन के नाम से महासोन में कोई मदरसा संचालित है ही नहीं।

इस सम्बन्ध में खण्ड शिक्षाधिकारी विजयपाल नारायण त्रिपाठी ने बताया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कुशीनगर के नाम से एक ही क्रमांक पर दो मदरसों की मान्यता एक ही दिनांक पर दो स्थलों के लिए जारी करना असम्भव है। उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़े से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जायेगा। जिसकी विधिवत जांच के बाद व्यापक पैमाने पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने की उम्मीद है।

बता दें कि महुअवा न्यायपंचायत में बीईओ की जाँच के बाद एक ही नाम से दो स्थलों पर मदरसा की मान्यता कापी की सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है।दरअसल अकेले महुअवा बुजुर्ग न्यायपंचायत में सन 2013 के पूर्व एक दर्जन मदरसा की मान्यता ली गयी जबकि धरातल पर लगभग पाँच मान्यता ही संचालित हैं।ऐसे में शेष मान्यता किसके नाम पर लिए गये हैं और उक्त मदरसा कहाँ संचालित हैं यह जाँच का विषय है।

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