
चंडीगढ़। सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब के मोगा में 18 साल पहले हुए सेक्स स्कैंडल मामले में चार पूर्व पुलिस अधिकारियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। इस मामले में एक पुलिस अधिकारी को तीन साल की अतिरिक्त सजा के साथ कुल आठ साल की सजा सुनाई गई है। सोमवार को न्यायाधीश राकेश कुमार गुप्ता द्वारा सुनाई गई सजा के अनुसार सभी दोषियों पर दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने इस मामले में मोगा जिले के तत्कालीन एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, पूर्व एसपी हेडक्वार्टर मोगा परमदीप सिंह संधू, पूर्व एसएचओ थाना सिटी मोगा रमन कुमार और पुलिस स्टेशन मोगा के तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को सजा सुनाई है।
यह मामला राज्य में वर्ष 2007 में सामने आया था। मोगा के थाना सिटी ने जगराओं के एक गांव की लड़की की शिकायत पर गैंगरेप का मामला दर्ज किया था। इसके बाद पीड़ित लड़की के बयान दर्ज किए। इसमें उसने करीब 50 अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस अधिकारियों ने इस केस की जांच में गड़बड़ी की। केस में कई व्यापारियों और राजनेताओं के नाम शामिल करने शुरू कर दिए। इसी दौरान एक नेता ने पुलिस के पैसे मांगने की ऑडियो रिकॉर्ड कर ली। इससे यह मामला सुर्खियों में आ गया। 12 नवंबर 2007 को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले का खुद ही संज्ञान लिया। साथ ही पुलिस से इस मामले की रिपोर्ट मांगी। इसके बाद सारे केस की जांच करने के बाद हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया था।
सीबीआई कोर्ट में लंबी जिरह के बाद 29 मार्च को उक्त सभी पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया गया था। सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाया गया। शिकायकर्ता रनजीत सिंह ने कहा कि फैसला बहुत बढ़िया आया है। उन्होंने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट हैं। सीबीआई कोर्ट ने देविंदर सिंह गरचा और पीएस संधू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1),13(2) के तहत दोषी करार दिया है। रमन कुमार को इस केस में तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है। जिसके चलते उन्हें आठ साल की सजा भुगतनी होगी।