
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र सरकार में खेल मंत्री रहे माणिकराव कोकाटे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय के फैसले के बाद माणिकराव कोकाटे ने अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा, जिसे पार्टी के उस सिद्धांत के अनुरूप स्वीकार कर लिया गया है, जिसमें कानून के शासन को सर्वोपरि माना जाता है। अजित पवार ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत यह इस्तीफा मुख्यमंत्री को विचार और स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है।
अजित पवार ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि जनजीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत अखंडता और न्यायपालिका के सम्मान पर आधारित होना चाहिए। यही मूल्य पार्टी की कार्यशैली का आधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को कानूनी प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करते हुए जनता के विश्वास को बनाए रखा जाएगा।
इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने खेल एवं युवा कल्याण, अल्पसंख्यक मामले और वक्फ मंत्रालय का प्रभार उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सौंप दिया था। ये मंत्रालय पहले माणिकराव कोकाटे के पास थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सिफारिश पर राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
गौरतलब है कि नासिक सत्र न्यायालय ने निचली अदालत के 20 फरवरी के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा था कि माणिकराव कोकाटे ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित फ्लैट हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए और राज्य सरकार को धोखा दिया। अदालत ने माना कि वे एक समृद्ध किसान होने के बावजूद लाभ लेने के दोषी पाए गए। इस मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था, जिसके बाद उनके इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। इस प्रकरण में वर्ष 1997 में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने याचिका दायर की थी।
वहीं माणिकराव कोकाटे ने अपनी सजा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनके वकील अनिकेत निकम ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
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