2027 की जनगणना के लिए आज जारी होगी औपचारिक अधिसूचना, जानें इस बार क्‍या होगा अलग

देश की अगली जनगणना को लेकर सरकार ने बड़ी घोषणा कर दी है। कोविड महामारी के कारण 2021 में टली जनगणना अब 2027 में करवाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार आज औपचारिक अधिसूचना जारी करेगी, जिससे जनगणना प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत हो जाएगी। 1872 में शुरू हुई जनगणना प्रक्रिया की यह 16वीं कड़ी होगी, जबकि आज़ादी के बाद यह 8वीं बार होगी जब देश की जनसंख्या की विस्तृत गणना की जाएगी।

आज़ादी के बाद पहली बार जनगणना में शामिल होगी ‘जाति’

इस बार की जनगणना को खास बनाने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि आज़ादी के बाद पहली बार इसमें जातियों की भी गिनती की जाएगी। जनगणना की प्रश्नावली में इसके लिए विशेष रूप से एक नया कॉलम जोड़ा गया है। जाति आधारित गणना लंबे समय से राजनीतिक बहस और चुनावी मांग का विषय रही है। कांग्रेस, आरजेडी और समाजवादी पार्टी जैसी विपक्षी पार्टियां लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रही थीं।

दो चरणों में होगी जनगणना

2027 की जनगणना भी पिछली बार की तरह दो चरणों में संपन्न होगी:

  • पहला चरण: मकान सूचीकरण और मकानों की गणना – इसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और बुनियादी सुविधाओं का विवरण जुटाया जाएगा। यह चरण अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच पूरा हो सकता है।
  • दूसरा चरण: जनसंख्या गणना – फरवरी 2027 में शुरू होकर 1 मार्च की मध्यरात्रि को समाप्त होगी। बर्फीले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में यह कार्य 1 अक्टूबर 2026 को ही पूरा कर लिया जाएगा।

35 लाख से अधिक कर्मचारी होंगे तैनात

जनगणना के इस व्यापक अभियान में करीब 35 लाख कर्मचारी लगाए जाएंगे, जिनमें गिनती करने वाले, पर्यवेक्षक और 1.3 लाख जनगणना अधिकारी शामिल होंगे। यह प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से की जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा और स्व-गणना (Self Enumeration) की सुविधा भी दी जाएगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक

जनगणना से पहले तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, रजिस्ट्रार जनरल मृत्युंजय कुमार नारायण समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में जनगणना के डिजिटल स्वरूप, प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स और समय-सीमा से जुड़े बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

जनगणना 2027 को लेकर सरकार का दावा है कि यह अब तक की सबसे आधुनिक और समावेशी जनगणना होगी, जो न केवल जनसंख्या के आंकड़े देगी, बल्कि सामाजिक-आर्थिक संरचना की गहराई से जानकारी भी सामने लाएगी।

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