बागपत में क़ातिल बिल्ली को तलाशेगा वन विभाग: मासूम बच्ची के कत्ल का बिल्लियों पर लगा कथित इल्जाम

  • मानव अधिकार ने वन विभाग को भेजा नोटिस

बागपत। किसी ने सोचा भी नहीं था कि बिल्ली का हमला इतना खतरनाक साबित होगा कि एक मासूम की जान चली जाएगी। मासूम की मौत का संज्ञान मानवाधिकार आयोग ने लिया और वन विभाग को बिल्ली तलाशने और पीड़ित परिवार की मदद के आदेश देते हुए पत्र जारी कर दिया। दरअसल आपको बता दे की इदरीशपुर गांव का रहने वाला अर्जुन खादी आश्रम में किराए पर रहकर सभासद की दुकान पर मजदूरी करता है।

अर्जुन ने बताया कि 25 दिसंबर को कमरे में सो रही उसकी दो माह की बेटी पर बिल्ली ने हमला कर दिया। बिल्ली के हमले से बच्ची की आंख बाहर लटक गई और उसके एक हाथ की चार अंगुलियां भी चबाकर कई जख्म कर दिए थे। सीएचसी में उपचार कराने के बाद बच्ची को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 11 दिन उपचार के बाद चिकित्सकों ने सर्जरी करने से इंकार करते हुए बच्ची को अस्पताल से सोमवार सुबह छुट्टी दे दी।

[ मासूम बच्ची की फाइल फोटो ]

अर्जुन अपनी बेटी को लेकर खादी आश्रम में आ गया और सोमवार दोपहर घर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। वही वन विभाग के रेंजर श्रवण कुमार का कहना है कि जिस बिल्ली द्वारा बच्ची को मारा गया। वह वन्य जीव नहीं है और उनके दायरे में नहीं आता जिसका जवाब वह मानवाधिकार आयोग को भेजने की बात कह रहे है। वही वन विभाग तो अपना जवाब राज्य मानवाधिकार को भेज देगा। यह पूरा मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है

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